इंदौर। क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने कल सांची दूध (Sanchi Milk) के टैंकर (Tanker) में मिलावट (Adulteration) का मामला पकड़ा और ड्राइवर-क्लीनर (Driver-cleaner) को गिरफ्तार किया। टैंकर भी जब्त किया। दो साल पहले भी सांची दुग्ध संघ (Sanchi Milk Union) में ऐसा ही एक घोटाला सामने आया था। इस मामले में भी पुलिस ने एक ठेकेदार और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन एक बार फिर यह गोरखधंध शुरू हो गया है।
क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने कल लसूडिय़ा थाना क्षेत्र (Lasudia Police Station) में धार से आए सांची दुग्ध संघ के एक टैंकर को जब्त किया। इस मामले में टैंकर के ड्राइवर कमलेश राजपूत (Driver Kamlesh Rajput) और क्लीनर जितेंद्र अहिरवाल (Cleaner Jitendra Ahirwal) को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ लसूडिय़ा थाने में अमानत में खयानत का केस दर्ज किया गया है और सैंपल जांच (Sample Investigation) के लिए भेजे गए हंै। रिपोर्ट आने पर धाराएं बढ़ाने की बात कही गई है। वहीं इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने कबूल किया है कि वे टैंकर की सील खोलकर दूध निकाल लेते थे और उसमें पानी मिला देते थे। दूध ढाबों पर बेच देते थे। दो साल पहले भी तत्कालीन एएसपी मनोज राय की टीम ने लसूडिय़ा क्षेत्र से ही सांची दूध (Sanchi Milk) के कुछ टैंकर जब्त किए थे। इस मामले में एक सिख युवक पप्पू ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया था कि ये लोग टैंकर से दूध निकाल लेते और उसमें पानी मिला देते थे। अच्छे दूध को बाजार में बेच देते थे। जांच में यह भी बात सामने आई थी कि कुछ सिंथेटिक दूध (Synthetic Milk) मिला दिया जाता है। यह मामला सामने आने के बाद सांची दूध (Sanchi Milk) के खिलाफ कई अनियमितता से अखबार भरे पड़े थे और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की बात कही थी। रासुका लगाने की भी बात की गई थी, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के बाद फिर इस तरह के गिरोह सक्रिय हो गए और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि संघ में जहां कुछ अधिकारी सालों से जमे हैं, वहीं एजेंसी चलाने वाले भी कई सालों से नहीं बदले गए हैं, जबकि नियम अनुसार तीन साल बाद नए टेंडर निकालने का प्रावधान है। एक-दो बार टेंडर भी निकले, लेकिन कोरोना (Corona) का बहाना कर उन्हें निरस्त कर दिया गया।
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