चेन्नई। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तामबरम में मंदिर को गिराये जाने से जुड़े एक वीडियो के सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होने से सनसनी फैल गई। इस वीडियो को लेकर दावा किया जाने लगा कि भगवान राम के मंदिर (Lord Ram Temple) को गिरा दिया गया। हालांकि तामबरम के कमिश्नर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि 2015 में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के निर्देश पर मंदिर के साथ-साथ एक अन्य ढांचे को गिराया गया है। पुलिस के मुताबिक जल विभाग की जमीन पर यहां अतिक्रमण था जिसे गिरा दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस संबंध में अफवाह फैलने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल अतिक्रमण से संबंधित ढांचे को गिराए जाने का यह वीडियो मक्कल काची नाम के एक शख्स ने शेयर किया था जो कि हिन्दूवादी संगठन से संबंधित है। इस व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि राज्य की डीएमके सरकार तामबरम (DMK Government Tambram) में राम मंदिर को गिरा रही है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने सफाई दी और कहा कि गलत खबर फैलाने वाले और आपत्तिजनक वीडियो को शेयर करके सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। तामबरम पुलिस आयुक्त ने बताया कि, इस कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण में आने वाले चर्च के एक हिस्से को भी गिरा गया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ मंदिर के हिस्से को ही गिरा दिया गया। पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि, यह अतिक्रमण जल विभाग की जमीन पर किया गया था इसलिए चर्च और मंदिर के एक हिस्से को गिराया गया। इस संबंध में तहसीलदार की शिकायत पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जिन लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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