रांची। झारखंड (Jharkhand) के कोयलांचल के अंतर्गत आने वाले ज़िले धनबाद के ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी पहचान सार्वजनिक कर दी गई है। आईजी ऑपरेशन्स अमोल विष्णुकांत होमकर ने बयान जारी करते हुए यह भी बताया कि अतिरिक्त ज़िला न्यायाधीश आनंद की हत्या के मामले में हो रही जांच में सीआईडी और फॉरेंसिक लैब टीमें (forensic lab teams) भी मदद करेंगी। इधर, बड़ी खबर यह भी है कि झारखंड पुलिस मुख्यालय स्तर से एक नई एसआईटी का गठन किया गया है, जिसे एडीजी संजय आनंद लाटकर लीड करेंगे।
होमकर ने बयान जारी करते हुए कहा कि एडीजी, अभियान के नेतृत्व में एक नई एसआईटी की टीम का गठन किया गया, जो पूरे मामले की बारीकी से जांच करेगी। वहीं, धनबाद सिटी (Dhanbad City) एसपी के नेतृत्व में बनी एसआईटी इस टीम में शामिल होगी। उत्तम आनंद केस के बारे में बताते हुए होमकर ने कहा कि हत्या के आरोप में दो लखन कुमार वर्मा और राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है और इनके कब्ज़े से वारदात में इस्तेमाल किया गया ऑटो भी ज़ब्त कर लिया गया है।
क्या है जज की हत्या का पूरा मामला?
होमकर के मुताबिक आगे की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक ऑपरेशन्स, संजय आनंद लाटकर करेंगे। आगे की जांच पूरी सतर्कता से की जाएगी और जिस तरह तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि होमकर के आधिकारिक बयान से पहले एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने बताया था कि जज आनंद हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। दूसरी तरफ, मक्तूल जज के परिवार ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि बुधवार को मॉर्निंग वॉक पर निकले जज उत्तम आनंद को एक ऑटो ने टक्कर मार दी थी। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दिया कि यह टक्कर इरादतन मारी गई थी। इसके बाद गुरुवार को गिरिडीह से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह भी याद रखा जाना चाहिए कि जज आनंद पूर्व विधायक के करीबी रंजय हत्याकांड जैसे कुछ गंभीर आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रहे थे।
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