इंदौर। नगर निगम के फरार इंजीनियर अभय राठौर के गुलाब बाग स्थित घर पर निगम ने छापा मारा और 4 इंची नर्मदा के अवैध नल कनेक्शन के साथ चार पानी के टैंकर भी जब्त किए। अब निगम जब से लाइन डली, तब से लेकर अभी तक की वसूली का बिल बनाएगा। दूसरी तरफ पुलिस राठौर सहित अन्य आरोपियों की सम्पत्तियों की खोजबीन में जुटी है। इंदौर के अलावा उज्जैन, भोपाल, जयपुर सहित अन्य शहरों में भी ये सम्पत्तियां तलाशी जा रही हैं, वहीं निगम की लेखा शाखा से भी आधा दर्जन आवक-जावक रजिस्टर जब्त किए गए।
नगर निगम में 100 करोड़ से अधिक के फर्जी बिल घोटाले की पुलिसिया जांच चल रही है। दूसरी तरफ शासन ने जो उच्च स्तरीय समिति वाणिज्य कर प्रमुख सचिव अमित राठौर की अध्यक्षता में घोषित की है, उसने अभी तक अपनी पड़ताल शुरू नहीं की। अलबत्ता आयुक्त शिवम वर्मा को जो जांच रिपोर्ट मिली, उसके आधार पर 188 फाइलों की स्क्रूटनी निगम द्वारा ही शुरू की गई है। दूसरी तरफ एमजी रोड थाने पर जिन 20 फर्जी फाइलों की एफआईआर दर्ज करवाई गई और फिर पुलिस ने भी एक दर्जन से ज्यादा प्रकरणों की असल फाइलें जब्त की हैं। डीसीपी झोन क्रमांक-3 पंकज पांडे के मुताबिक अभय राठौर पर जहां इनामी राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई, तो दूसरी तरफ उसके अलावा अन्य आरोपियों की सम्पत्तियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। सबसे बड़े ठेकेदार राहुल वडेरा के निपानिया स्थित आलीशान बंगले, फ्लैट की जानकारी तो मिल गई है, वहीं अन्य ठेकेदार फर्मों की मदीना नगर सहित अन्य सम्पत्तियों की जानकारी निगम रिकॉर्ड से हासिल हुई। मगर पता चला कि इन आरोपियों की इंदौर से बाहर भी सम्पत्तियां हैं।
पांडे ने यह भी कहा कि निगम की जांच रिपोर्ट में ऑडिटरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है और शासन को भी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया है। अब पुलिस भी इन ऑडिटरों से पूछताछ करेगी और आवश्यक होने पर उन्हें आरोपी भी बनाया जा सकता है, वहीं अभय राठौर के घर मिले अवैध नल कनेक्शन और टैंकरों के संबंध में अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा का कहना है कि जबसे यह अवैध कनेक्शन लिया गया ,तब से बिल की वसूली भी की जाएगी।
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