इंदौर। अचानक बढ़ती वारदातों से हैरान-परेशान पुलिस अपनी वर्दी पर लगे कलंक को मिटाने के लिए दिन-रात जुटी थी और एक ही रात में दोहरी सफलता प्राप्त करते हुए न केवल उषानगर के डकैतों को हिरासत में ले लिया, बल्कि लूट के माल का बंटवारा करने के लिए जमा हुए बैंक डकैतों को घेरकर भागने की कोशिश विफल करने के लिए गोलियां चलाने तक से नहीं चूकी।
पुलिस ने बैंक लूट की वारदात होते ही सड़कों पर चैकिंग अभियान शुरू कर दिया था। उसे दिन में तो सफलता हासिल नहीं हुई, लेकिन सूचना मिलने पर पुलिस ने सुपर कॉरिडोर पर लूट का माल का बंटवारा कर रहे तीन लुटेरों को घेर लिया। इस दौरान पुलिस और लुटेरों में मुठभेड़ होने की बात बताई जा रही है, जिसमें 2 लुटेरों को गोली लगी और पांच पुलिसवाले घायल हुए। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि लुटेरों को कहीं ओर से पकड़ा और अपनी धाक जमाने के लिए सुपर कॉरिडोर पर ले जाकर दौड़ाते हुए गोलियां मारीं। बैंक लूट के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के आधार पर लुटेरों की शिनाख्त कर ली थी। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि रात को सूचना मिली कि कुछ बदमाश सुपर कॉरिडोर पर रुपयों का बंटवारा कर रहे हैं। इस पर पुलिस की अलग-अलग टीमें उनकी घेराबंदी के लिए पहुंचीं। मौके पर चारों बदमाश मौजूद थे, जिन्होंने पुलिस को देखते ही गोली चला दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बदमाशों पर गोलियां दागीं, जिसमें दो बदमाशों को गोली लगी और एक भागने के बाद गिर गया और उसका पैर टूट गया। एक बदमाश पुलिस को चकमा देकर भाग गया। पकड़े गए बदमाशों के नाम अंकुर पिता नरेंद्र निवासी परदेशीपुरा, शुभम पिता शिवाजी कोरदे निवासी न्यू जीवन की फैल और शुभम पिता राजू वर्मा निवासी फिरोज गांधी नगर हैं। अंकुर और शुभम कोरदे को पैर में गोली लगी, जबकि शुभम वर्मा का पैैर टूटा है। तीनों को उपचार के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इनसे 3 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। मुठभेड़ में एडिशनल एसपी शशिकांत कनकने, परदेशीपुरा सीएसपी निहित उपाध्याय, परदेशीपुरा टीआई राहुल शर्मा, बाणगंगा टीआई राजेंद्र सोनी और आरक्षक मुकेश घायल हुए हैं।
सीसीटीवी फुटेज से ही हो गई थी लुटेरों की पहचान
पकड़ तो पहले ही लिया था, धाक जमाने के लिए गोली मारी
एक्सिस बैंक में हुई लूट की वारदात के बाद आईजी विवेक शर्मा ने तीन दिनों के अंदर लुटेरों को पकडऩे का टॉस्क पुलिस को दिया था। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र खुद इस अपराध की मॉनीटरिंग कर रहे थे। डीआईजी न तो परसों रात को घर गए और न ही कल। बात साफ थी कि कैसे भी इस वारदात से पर्दा उठाना और आरोपियों को गिरफ्त में लेना था। सूत्र बता रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरों के आधार पुलिस ने बदमाशों की शिनाख्त कर ली थी। कल दोपहर तक ही बदमाश पुलिस की गिरफ्त में आ गए थे, लेकिन पुलिस को इन्हें सबक सिखाना था, जिसके चलते पुलिस ने विकास दुबे जैसी कहानी दोहराने का प्लान किया। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि रात को जैसे ही शहर सुनसान हुआ, एक गाड़ी में पुलिस कुछ संदिग्धों को लेकर सुपर कॉरिडोर पर गई। इसके बाद लुटेरों के साथ विकास दुबे वाली कहानी दोहराई गई। वाकई में मुठभेड़ हुई। हालांकि बदमाशों का जो हश्र किया गया वह उसके हकदार भी थे।
अंकुर लूट का मास्टर माइंड बैंक में चाय ले जाने वाले का बेटा भी लुटेरों में शामिल
बताया जा रहा है कि आरोपियों मेें शामिल अंकुर इस पूरी वारदात का मास्टर माइंड था। उसका बैंक में खाता भी था, जिसके चलते वह अकसर बैंक में आता-जाता था। एक आरोपी के बारे में बताया जा रहा है कि उसके पिता की बैंक के सामने चाय की दुकान है। उसी दुकान में बैंक वाले चाय पीने आते थे और कुछ के लिए चाय जाती भी थी। चायवाले का बेटा भी दुकान में कभी-कभी बैठता था, उसे भी बैंक की पूरी जानकारी थी। इसके अलावा भी बदमाश कई दिनों से वारदात के लिए रैकी कर रहे थे।
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