इंदौर (Indore)। पुलिस की लापरवाहीपूर्ण विवेचना के चलते एक और केस में आरोपी बरी हो गया। पुलिस ने घटना से संबंधित मुख्य साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज ही कोर्ट में पेश नहीं किए। घटना 10 अक्टूबर 2023 की अलसुबह 5 बजे की है। लसूडिय़ा मोरी निवासी शुभम चौधरी ने थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह स्कीम 78 में पार्टनर सौरभ के साथ स्ट्रीट कैफे चलाता है। सुबह-सुबह उसमें किसी ने आग लगा दी। सूचना पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाई, पर कैफे का सारा सामान जल गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पास में लगे सीसीटीवी फुटेज में आरोपी विजय सुबह-सुबह कैफे तरफ आते दिखा था।
विवेचना के बाद पुलिस ने विजय को धारा 436 आईपीएस में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीपी शर्मा की कोर्ट ने फैसले में उल्लेखित किया कि प्रकरण में सीसीटीवी फुटेज केस में मुख्य साक्ष्य थी, पर अभियोजन ने न इसे जब्त किया गया न ही कोर्ट में पेश किया। जो अन्य साक्ष्य अभियोजन की ओर से पेश किए गए उनमें से किसी ने भी आरोपी को कैफे में आग लगाते नहीं देखा। कुल मिलाकर ऐसी कोई साक्ष्य अभिलेख पर मौजूद नहीं है, जिससे प्रमाणित होता हो कि आरोपी द्वारा कैफे में आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया।
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