भोपाल। राजधानी में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी संघ (Asha, Usha and Asha Sahyogini Sangh) की पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ भोपाल प्रशासन (Bhopal Administration) कर व्यवहार उचित नहीं था। पुलिस (Police) के जरिए आशाओं पर दबाव बनाकर जबरन आंदोलन खत्म करने की तैयारी की गई। आंदोलनरत महिलाओं को पुलिस (Police) ने जबरन पुलिस वाहन (Police Vehicle) में बैठाया और बंद कर दिया। शाम को जब आशाओं को रिहा किया गया तो उन्हें कहीं छोड़ दिया। जिससे महिलाएं परेशान होती रहीं। आंदोलनकारी महिलाओं के बीच पहुंचे पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma) एवं पूर्व महापौर विभा पटेल (Vibha Patel) के साथ भी पुलिस अफसरों का व्यवहार उचित नहीं था।
कांग्रेसियों ने भोपाल प्रशासन (Bhopal Administration) पर आंदोलनकारी महिलाओं की बात सुनने की बजाए बलपूर्वक आंदोलन कुचलने का आरोप लगाया है। पूर्व महापौर विभा पटेल (Vibha Patel) ने कहा कि आंदोलन कारी पहले महिलाएं हैं, पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को महिलाओं के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। पुलिस ने आशाओं को जानबूझकर परेशान किया था। पुलिस ने आशाओं के अध्यक्ष के उठाया तो वे उन्हें रिहा करने की मांग कर रही थीं। वे शांतिपूर्वक आंदोलन कर रही हैं, प्रशासन को उनकी बात सरकार तक पहुंचाना चाहिए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved