उज्जैन। 15 करोड़ से अधिक का गबन करने वाले सेंट्रल जेल भैरवगढ़ के अकाउंटेंट रिपुदमन को आज पुलिस उज्जैन ले आई है, वहीं इस मामले में जेल अधीक्षक उषा राज को जिम्मेदार मानते हुए उन पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न मामलों में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी कर ली है। सेंट्रल जेल भैरवगढ़ के जेल कर्मियों के डी.पी. एफ खाते में से करोड़ों रुपए निकालने के मामले में पुलिस की जांच पिछले 12 दिन से चल रही है। इस मामले में एसआईटी भी गठित की गई है। जांच के बाद अब गिरफ्तारी का दौर भी शुरू हो गया है। इस मामले में सबसे पहले प्रकरण रिपुदमन सिंह रघुवंशी जो सेंट्रल जेल भेरूगढ़ में बतौर सिपाही सदस्य था लेकिन उसे अकाउंटेंट का चार्ज दिया गया था। वह वर्ष 2016 में अनुकंपा नियुक्ति में पदस्थ हुआ था। उसके बाद से ही वह लेखा का काम संभाल रहा था। इसी दौरान उसने डीपीएफ खाते में घोटाले किए और 15 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निकालकर खर्च कर दी और बाद में वह फरार हो गया था।
कल बनारस के पास एक गांव से उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और आज उसे उज्जैन लाया गया है वहीं दूसरी ओर बीमारी का बहाना कर इंदौर के अस्पताल में भर्ती जेल अधीक्षक उषा राज को भी कल नोटिस देकर पुलिस उठाकर ले आई है और उन पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। एसआईटी के प्रभारी और एडिशनल एसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार ने बताया जेल अधीक्षक ऊषा राज को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर धारा 420, 109, 467, 471, 34 व 120 में प्रकरण दर्ज कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। आज शाम तक इस मामले में मुख्य आरोपी रिपुदमन को पुलिस उज्जैन लेकर आ गई, आज दोनों से आमने-सामने बैठाकर पुलिस पूछताछ की जा रही और इस मामले में अन्य जो भी नाम आएंगे उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। एसपी सत्येन्द्रकुमार शुक्ला ने यह भी बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है और जांच में जो भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के नाम सामने आएंगे आने वाले दिनों में उन पर भी प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इस मामले में और भी नाम बढ़ सकते हैं।
जिस जेल में अधीक्षक रही वहीं कैदी बनेंगी
इसे समय का फेर ही कहेंगे कि जेल अधीक्षक उषा राज जिस जेल की 15 दिन पूर्व जेल अधीक्षक थीं और पूरी जेल पर नियंत्रण रखती थी, अब उन पर ही धोखाधड़ी षड्यंत्र और अन्य धाराओं में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। आज पूछताछ होगी और उसके बाद पुलिस रिमांड मांगेगी और बाद में उन्हें भैरवगढ़ जेल भेजा जाएगा जिस जेल में वह जेल अधीक्षक रही उन्हीं जेल में धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं में वह कैदी बनेंगी। उल्लेखनीय है कि फरार हुए रिपुदमन पर 5 हजार का ईनाम घोषित किया गया था।
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