बेंगलुरु। ड्रग्स गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने खुद ड्रग्स माफिया के रूप में पेशकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार को 500 किलोग्राम मारिजुआना (गांजा) की खेप के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इस गांजे की खेप की कीमत करीब 1.5 करोड़ है। ये तीनों आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं, जो बेंगलुरु में गांजा ट्रक में भरकर लाए थे।
यहां मजेदार बात ये है कि पुलिस ने एक स्टूडियो से 500 किलोग्राम मारिजुआना खरीदने के लिए पहले फिल्मों में उपयोग की जाने वाली फेक करेंसी की खरीद की थी। इस ऑपरेशन में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि स्टूडियों से खरीदी गई 2,000 के नोट एकदम असली दिख रहे थे लेकिन सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर था।
ऑपरेशन के बारे में बताते हुए बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि व्हाइटफील्ड डिवीजन के अधिकारियों को एक विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया क्योंकि इलाके में ड्रग की सप्लाई काफी अधिक हो रही थी। उन्होंने कहा, ‘हमारे अधिकारियों ने कुछ ड्रग्स पेडलर्स की पहचान की, मगर वे स्रोत तक पहुंचना चाहते थे। इसलिए उन्होंने कुछ ड्रग्स पेडलर्स को इस बात के लिए मनाया कि उन्हें ड्रग्स सप्लायरों के सामने पेश किया जाए और उनके साथ मीटिंग फिक्स करवाई जाए।
जल्द ही पेडलर्स ने सप्लायरों के सामने पुलिस को ड्रग्स पेडलर्स के रूप में पेश किया, यह कह कर कि ये बहुत बड़े ग्राहक हो सकते हैं। पहली मीटिंग में सप्लायरों ने मारिजुआना की मात्रा के बारे में पुलिस से पूछा कि वे क्या खरीदना चाहते हैं। पंत ने कहा कि क्योंकि हम अधिक से अधिक ड्रग्स जब्त करना चाहते थे, इसलिए हमारी टीम ने सप्लायरों से पूछा कि वे कितना दे सकते हैं, वे उतना लेंगे। हमारी टीम ने उन्हें यह भी बताया कि पैसे की कोई दिक्कत नहीं है और वे एक टन ड्रग्स खरीदने के लिए तैयार थे। पंत ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं ने खरीदारी से पहले पैसा दिखाने को कहा।
अंडरकवर पुलिस ने अगली मीटिंग में नकदी दिखाने का वादा किया। इसके बाद पुलिस ने एक करोड़ रुपए की व्यवस्था के लिए एक फिल्म स्टूडियो से संपर्क करने की योजना बनाई। इस ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि हमने बेंगलुरु में एक फिल्म स्टूडियो से संपर्क किया और उनसे 1 करोड़ रुपए के नकली नोट देने के लिए कहा। नकली नोट एकदम असली लग रहे थे।
इसके बाद इन नकली नोटों को एक गहरे भूरे रंग के सूटकेस में भरा गया और ड्रग्स सप्लायरों के साथ दूसरी बैठक में दिखाया गया। अधिकारी ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यह था कि कहीं सप्लायर्स बारीकी से नोट को न देख लें, क्योंकि सबके सीरियल नंबर एक जैसे ही थे। मगर बैठक एकदम अच्छे से चली और वे 500 किलोग्राम गांजा (मारिजुआना) लाने पर सहमत हो गए।
बैठकों के बाद गुरुवार को गांजे की खेप शहर के एक ट्रक में आ गई। ड्रग्स को सौंपने के लिए बेंगलुरु के के.आर पुरम में शुक्रवार सुबह एक बैठक आयोजित की गई। पंत ने कहा कि उन्होंने ड्रग्स कैसे पहुंचाया यह भी हमारे लिए एक रहस्योद्घाटन था। उन्होंने ड्राइवर की सीट के पीछे एक गुप्त कम्पार्टमेंट बनाया था और बाकी ट्रक अन्य सामानों से भरा था। पुलिस ने आपूर्तिकर्ताओं को यह किसी तरह समझाया कि लेन-देन एक बंद वातावरण में होना चाहिए और केआर पुरम के एक गोदाम में ड्रग्स सप्लायरों को आने के लिए कहा। जब वे बताए गए जगह पर पहुंचे और छिपे हुए गांजे को दिखाया तो पुलिस ने उन लोगों को पकड़ लिया और ड्रग्स को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान दयाल राम (38) पूना राम (24) और बुध राम ( 23) के रूप में हुई है जो सभी राजस्थान के रहने वाले हैं। आयुक्त ने कहा कि वे इन आरोपियों के अन्य सहयोगियों की तलाश में हैं।
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