इंदौर। आचार संहिता के चलते इस बार जिला प्रशासन ने गेर में शामिल होने वाले अलग-अलग समूह के लिए जिला मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की है, जो हर गेर के हर समूह के साथ में निकलेंगे। वहीं इस बार गेर मार्ग को 5 सेक्टर में बांटा गया है, ताकि सुरक्षात्मक तरीके से गेर को निकाला जा सके। इसके साथ ही हर गेर के साथ पुलिस अधिकारी और जिला प्रशासन की तरफ से भी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
रंगपंचमी पर निकलने वाली इंदौर की परंपरागत गेर को यूनेस्को की धरोहर में शामिल करवाने के लिए अधिकारी इस बार तैयारी करने में जुट गए हैं। ऐसी खामियां, जिनकी वजह से इंदौर पहले बाहर हो गया था, उन्हें दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। हुड़दंगियों को काबू करने के साथ-साथ आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है। विदेशी मेहमानों के लिए क्षेत्र के रहवासियों ने अपनी छतों को किराए पर देने की हामी भर ली है, जिसके लिए प्रशासन व्यवस्थाओं में जुट गया है।
वॉच टॉवर से हुड़दंगियों पर नजर रखी जाएगी। इंदौर में नगर निगम की मिलाकर 6 गेर प्रमुख रूप से निकलती हैं। 6 मजिस्ट्रेट अधिकारी इन गेरों के साथ रहेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की घटना में त्वरित कार्रवाई कर सकें।
रंगों के पर्व होली के बाद अब 30 मार्च को रंगपंचमी पर निकलने वाली पारंपरिक गेर को लेकर आयोजकों के साथ पुलिस और प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। लंबे समय से इंदौर की इस ऐतिहासिक गेर को यूनेस्को की धरोहर में स्थान दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार गेर को पूरी तरह यूनेस्को के मापदंड के तहत निकालने की तैयारी है, ताकि अगले साल जब यूनेस्को की टीम गेर देखने आए तो उसमें कोई खामी न रह जाए। गेर देखने आने वाले अतिथियों के बैठने की व्यवस्था भी यूनेस्को के मापदंड का हिस्सा है। प्रशासन द्वारा पिछले साल भी तैयारी की गई थी, किंतु एक वर्ष में एक देश से एक ही परंपरा को शामिल किया जा सकता है। इसके चलते इंदौर की गेर शामिल नहीं हो पाई थी। नियम के अनुसार कोई भी देश 2 वर्ष में एक बार आवेदन कर सकता है। इसके चलते इस साल भी इंदौर की गेर को स्थान नहीं मिल पाएगा। हमें 1 साल और इंतजार करना पड़ेगा। गेर में इस बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। गेर को लेकर प्रशासन ने अपनी व्यवस्थागत तैयारी पूरी कर ली। गेर मार्ग के सुधार के साथ ही आयोजकों को व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई। गेर में मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे, इसलिए उनके प्रोटोकॉल के हिसाब से सारे इंतजाम किए जा रहे हैं।
विवाद और फूहड़ता रोकने के होंगे इंतजाम
रंगपंचमी पर निकलने वाली इस पारंपरिक गेर में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस दौरान किसी तरह के विवाद या फूहड़ता को रोकने के लिए पुलिस ने भी खासे बंदोबस्त किए हैं। शहर की छवि खराब करने वालों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की जाएगी। गेर में कोई भी गड़बड़ी हुई तो असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गेर के रास्ते के कुछ मकान मालिकों से चर्चा कर वहां अतिथियों को बैठाने की बात की गई है। जल्द ही ऐसे मकानों की सूची तैयार की जाएगी और इसे एक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर जारी किया जाएगा।
राजबाड़ा, गोपाल मंदिर जैसे ऐतिहासिक भवनों की होगी सुरक्षा
ऐतिहासिक इमारत के पास से गेर का निकलना होगा और हुड़दंगियों द्वारा इन ऐतिहासिक इमारतों, जिनमें राजबाड़ा, गोपाल मंदिर और बांकेबिहारी मंदिर शामिल हैं, किसी भी प्रकार के कलर से खराब न हों, इसके लिए बड़ी-बड़ी पॉलिथीन से ढंक दिया गया है, ताकि ये किसी भी प्रकार की गंदगी या कलर से खराब न हों।
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