मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच दो घंटे लंबी वार्ता हुई। इसके बाद यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia War) के बीच तीन सालों से चली आ रही जंग में सीजफायर पर सहमति (Agreement on ceasefire) बन गई। इस तरह एक जंग के रुकने के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भी वजह माना जा रहा है। पोलैंड के उप-विदेश मंत्री व्लादिस्लॉ बारतोसज्विस्की ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के रुख के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘व्लादिमीर पुतिन लगातार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे थे। उनका कहना था कि यूक्रेन पर इन हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा। अमेरिकी लगातार उनसे कह रहे थे कि ऐसा न किया जाए। व्लादिमीर पुतिन को इस हमले के अंजाम के बारे में बचाया जा रहा था। लेकिन वह नहीं माने।’
पोलैंड के लीडर ने कहा, ‘फिर व्लादिमीर पुतिन के पास दो फोन कॉल आए। एक चीन से और दूसरा भारत से पीएम नरेंद्र मोदी का। चीन और भारत दोनों ने ही परमाणु जंग करने को मंजूरी नहीं दी। दोनों देशों ने कहा कि ऐसा करना गलत होगा। हम ऐसी जंग का समर्थन नहीं करते हैं। रूस इन दोनों देशों को अपना दोस्त मानता है। इसके बाद भी उनकी ओर से जंग के लिए मना करने से उन्हें पीछे हटना ही सही लगा। इसलिए पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस की जंग को रुकवाने में अहम भूमिका अदा की। वह एक महान राजनेता हैं।’ बता दें कि यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की भी कह चुके हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी इसमें अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। उनका कहना था कि व्लादिमीर पुतिन से अच्छे संबंधों का इस्तेमाल करते हुए वह जंग रुकवा सकते हैं।
मंगलवार की शाम को दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर 30 दिनों के लिए हमले रोकने पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के पांच दिनों बाद दुनियाभर के कई नेताओं से बात की थी, जिनमें रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल थे। तभी से माना जा रहा था कि ट्रंप अब पुतिन के साथ अपने रिश्तों का इस्तेमाल करते हुए जंग रुकवा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पहले यूक्रेनी नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की को राजी किया और फिर व्लादिमीर पुतिन को भी सहमत किया गया। इसके लिए सऊदी अरब ने मध्यस्थ की भूमिका अदा की और वहीं पर यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधियों की बात भी हुई।
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