गिलगित-बाल्टिस्तान। पाकिस्तान (Pakistan) की प्रतिकूल नीतियों (adverse policies) के कारण पाक अधिकृत कश्मीर (Pak Occupied Kashmir- PoK) के गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र (Gilgit Baltistan region) में तालिबान (Taliban) का प्रभाव बढ़ रहा है। यहां के दायमेर जिले में लड़कियों के एक स्कूल को अज्ञात बदमाशों के एक समूह ने मंगलवार तड़के जला दिया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार आगजनी करने वाले ने ड्यूटी पर तैनात स्कूल गार्ड का अपहरण कर लिया और स्कूल में आग लगा दी। अब तक ऐसी घटना अफगानिस्तान में ही देखी जा रही थी, मगर अब ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में भी होने लगी हैं।
इस स्कूल में कुल 68 छात्राओं का नामांकन है। कई महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस हमले का विरोध किया और गिलगित सरकार से फौरन कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस घटना पर पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी दुख जताते हुए गिलगित सरकार से लड़कियों के स्कूलों की सुरक्षा करने की अपील की है।
2018 में 13 कन्या विद्यालयों में लगाई थी आग
स्थानीय लोगों ने बताया कि 2018 में उपद्रवियों ने जिले भर में 13 कन्या विद्यालयों को आग के हवाले कर दिया था, लेकिन उस समय भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उस समय स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बताया जा रहा है कि तालिबान से जुड़े एक समूह (मुजाहिदीन गिलगित-बाल्टिस्तान और कोहिस्तान) ने स्कूल में आग लगा दी थी।
लड़कियों को शिक्षा से दूर रखने की रची जा रही साजिश
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) महिला शाखा की उपाध्यक्ष और शिक्षा के संसदीय सचिव, जीबी सुराया जमां ने छात्राओं को शिक्षा से दूर रखने की साजिश और हमले की निंदा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शब्बीर अहमद कुरैशी (दायमेर यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष) के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सड़कों पर इस घटना का विरोध किया और दोषियों को पकड़ने में सरकार की निष्क्रियता के लिए सरकार की आलोचना की।
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