एक सप्ताह में दो बार प्रदूषण 300 पार
इंदौर, विकाससिंह राठौर। शहर की हवा (Air) में जहर (Poison) घुल रहा है। कई प्रयासों के बावजूद प्रदूषण (Pollution) के स्तर में कमी नहीं आ रही है, बल्कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले छह दिनों में दो बार प्रदूषण (Pollution) का स्तर 300 के पार रहा है। वहीं पिछले दो माह की बात करें तो इनमें भी प्रदूषण का स्तर सिर्फ एक दिन 100 से नीचे रहा है।
महामारी के दौर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर लगातार बढ़ा होने से मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभाग परेशान हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) द्वारा डीआईजी ऑफिस (DIG Office) पर 24 घंटे वायु प्रदूषण की निगरानी की जाती है। इस आधार पर ही शहर में रोज प्रदूषण का औसत स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्ट (Air Quality Index) (एक्यूआई) के रूप में निकाला जाता है। एमपीपीसीबी के मुताबिक पिछले छह दिनों में दो बार वायु प्रदूषण 300 को पार करते हुए ‘बहुत खराब’ के स्तर तक पहुंचा है। पहली बार 17 दिसंबर को यह 300 पर था और दूसरी बार 21 दिसंबर को 323 पर। कल भी प्रदूषण (Pollution) का स्तर 263 तक पहुंचा। विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढऩे से सांस के मरीजों (Patients) की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना संक्रमण में जब लोगों को सांस लेने में परेशानी आती है, ऐसे में वायु प्रदूषित होना ऐसे लोगों के लिए घातक है।
65 दिन में सिर्फ एक दिन प्रदूषण 100 से नीचे
शहर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) पिछले दो माह से ज्यादा समय से बढ़ा हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) के मुताबिक 19 अक्टूबर से प्रदूषण (Pollution) का स्तर लगातार 100 से ज्यादा बना हुआ है। 19 अक्टूबर से कल 22 दिसंबर तक 65 दिनों में सिर्फ एक दिन 19 दिसंबर को यह 100 से नीचे 79 तक गया था। वहीं इन 65 दिनों में 35 दिन ऐसे थे, जिनमें प्रदूषण (Pollution) का स्तर 200 से ऊपर बना हुआ था।
ठंड बढऩे सहित तोडफ़ोड़ से बढ़ रहा प्रदूषण
बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डॉ. वाघेला ने बताया कि शहर में पिछले कई दिनों से प्रदूषण (Pollution) का स्तर लगातार सामान्य से काफी ज्यादा बना हुआ है। ठंड बढऩे के कारण कोहरा ज्यादा होता है। इससे भी गैसेस ऊपर नहीं जा पातीं और प्रदूषण (Pollution) का स्तर बढ़ता रहता है। साथ ही ठंड बढऩे पर लोग अलाव जलाते हैं, जिसके धुएं से वायु प्रदूषित होती है। वहीं शहर में एमजी रोड (MG Road) के चौड़ीकरण के लिए हो रही तोडफ़ोड़ से भी हवा में धूल कणों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
ऐसे समझें प्रदूषण के स्तर को
0 से 50 – अच्छा (गुड)
50 से 100 – संतोषजनक
100 से 200 – मध्यम
200 से 300- खराब (पूअर)
300 से 400 – बहुत खराब
400 से 500 – अतिगंभीर
(प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक)
प्रशासन भी सजग
प्रदूषण (Pollution) बढऩे की स्थिति को लेकर प्रशासन भी चिंता में है। इसी कारण सिग्नल पर गाडिय़ां बंद करने की हिदायत दी गई है और यह मुहिम भी चलाई जाएगी। साथ ही कोयले से चलने वाली भ_ियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
– प्रदूषण (Pollution) का स्तर 300 पार यानी हवा ‘बहुत खराब’
– 19 अक्टूबर के बाद से सिर्फ एक दिन प्रदूषण (Pollution) का स्तर 100 से नीचे रहा
– पिछले 65 दिनों में 35 दिन प्रदूषण 200 के पार
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