नई दिल्ली । पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से घोटाले में भगौड़ा घोषित हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) पर शिकंजा कसता जा रहा है। नीरव मोदी पर साढे़ 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। नीरव के भारत प्रत्यर्पण पर निर्णायक फैसला अगले साल जनवरी में हो जाएगा। लंदन (London) के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट (Westminster Magistrate Court) में प्रत्यर्पण को लेकर हुई सुनवाई में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव की रिमांड 29 दिसंबर तक बढ़ा दी। कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर नीरव इस बार भी वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश हुआ।
7 और 8 जनवरी को होगा फैसला
चीफ मजिस्ट्रेट एम्म अर्बथनॉट ने सुनवाई के दौरान नीरव मोदी को बताया कि अब बस एक और छोटी सी सुनवाई होगी और उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान बढ़ी हुई दाढ़ी और मरून स्वेटर में पेश हुए नीरव मोदी ने सिर्फ अपना नाम और जन्मतिथि बोली बाकी समय वह चुपचाप रहा। कोर्ट अब इस मामले की निर्णायक सुनवाई अगले वर्ष 7 और 8 जनवरी को करेगा। जिला जज गूजी उस दिन दोनों पक्षों की अंतिम दलील सुनेंगे। इसके बाद वह एक या दो हफ्तों में अपना फैसला सुनाएंगे।
भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत पेश किए गए साक्ष्य
3 नवंबर को पिछली सुनवाई में जज गूजी ने सीबीआई और ईडी के कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के खिलाफ दलीलें सुनीं थीं। भारत सरकार की ओर से पैरवी कर रही क्रॉउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) ने जोर दिया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत पेश किए गए साक्ष्य, गवाहों के बयान ब्रिटिश कोर्ट को यह मानने के लिए पर्याप्त हैं कि नीरव मोदी भारतीय न्यायपालिका के प्रति जवाबदेह है और उसके खिलाफ भारत में मुकदमा चलाना चाहिए। सीपीएस ने दलील दी कि इसके लिए नीरव का भारत प्रत्यर्पण जरूरी है।
बता दें कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। मार्च में गिरफ्तारी के बाद से ही वह लंदन की जेल में है। धन शोधन के मामले में भी भारत में 49 वर्षीय हीरा व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
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