भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले से जुड़े पीएमटी 2012 में हुए घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा विशेष न्यायालय में पेश किये गये चालान में चार निजी मेडिकल कॉलेजों के संचालकों को आरोपित बनाया गया है। यह जानकारी सोमवार को मप्र विधानसभा के विशेष सत्र में विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा लगाए सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दी है।
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में प्रश्न लगाया था कि व्यापमं फर्जीवाड़े में उजागर हुआ था कि साल 2012 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा पीएमटी के माध्यम से भर्ती में अनियमितताओं को लेकर अब तक क्या कार्यवाही हुई और किन-किन लोगों का आरोपित बनाया गया? गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अपने लिखित जवाब में यह स्वीकार किया है कि पीएमटी 2012 के दौरान व्यापक पैमाने पर अनियमितताएं हुई थीं और मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। सीबीआई ने इस मामले में लगभग एक साल पहले यानी सितम्बर 2019 में इस मामले की जांच कर विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें चार निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालकों के साथ-साथ व्यापमं के कुछ अधिकारियों को भी आरोपित बनाया था। फिलहाल मामले की जांच जारी है और सीबीआई की विशेष अदालत में मामला विचाराधीन है।