नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना के कहर को देखते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण अभियान को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न मंत्रालय के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।
घर-घर जाकर टेस्ट करने के दिए निर्देश
बैठक में पीएम मोदी ने गांवों में घर-घर जाकर सर्वे और टेस्ट कराने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने सभी आवश्यक उपकरणों के साथ आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना जरूरी है।
वेंटिलेटर के इस्तेमाल ना होने पर जताई चिंता
पीएम मोदी ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल ना होने की खबरों को गंभीरत से लिया और उस पर नाराजगी जताई। पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार की ओर से दिए गए वेंटिलेटर की स्थापना और संचालन का तत्काल ऑडिट किया जाना चाहिए। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि अगर जरूरी हो तो स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
इस बैठक में मौजूद अधिकारियो ने उन्हें बताया कि देश में कोरोना टेस्ट की रफ्तार तेज कर दी गई है। मार्च महीने में एक हफ्ते में 50 लाख कोरोना टेस्ट होते थे, जो अब बढ़कर 1.3 करोड़ प्रति सप्ताह होने लगे हैं। इसके अलावा अधिकारियों ने पीएम मोदी को घटती पॉजिटिविटी दर और बढ़ती रिकवरी दर की भी जानकारी दी।
कोविड-19 जांच बढ़ाने पर जोर दिया
इसके अलावा बैठक में अधिकारियों की ओर से राज्य और जिला स्तर की स्थिति, परीक्षण, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, टीकाकरण रोडमैप पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि ज्यादा संक्रमण दर वाले इलाके में कोविड-19 की जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक वितरण योजना तैयार की जाए। इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रावधान शामिल हो। इसके अलावा भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता के रोडमैप पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
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