नई दिल्ली (New Delhi)। खुद को पीएमओ का अफसर (PMO officer) बता वीवीआईपी सुविधाओं (VVIP Amenities) के साथ जम्मू कश्मीर घूमने (Jammu and Kashmir tour) वाला किरण पटेल (Kiran Patel) उत्तराखंड (Uttarakhand) भी आया था। सोशल मीडिया पर पटेल की तस्वीरें वायरल होने के बाद उत्तराखंड में उसके मददगारों की तलाश शुरू हो गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पटेल दून में मालदेवता जैसे कम प्रसिद्ध जगह गया। ऐसे में अंदेशा है कि पटेल स्थानीय पर्यटन स्थल पर बिना लोकल व्यक्ति की मदद के नहीं गया होगा। पता किया जा रहा है कि वह कुछ खास लोगों के निमंत्रण पर तो नहीं आया। यह भी पता किया जा रहा है केदारनाथ-ऋषिकेश (Kedarnath-Rishikesh) घूमने को उसने सिफारिश या रसूख का इस्तेमाल किया या सामान्य व्यक्ति की तरह पहुंचा। यह भी देखा जा रहा है कि वह यहां और कहां-कहां गया। उसके ठहरने और घूमने में किन लोगों ने मदद की, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में ये साफ है कि पटेल को उत्तराखंड में आधिकारिक तौर पर वीवीआईपी सुरक्षा नहीं दी गई। हालांकि हेली सेवा, ठहरने व आरती में उसने वीवीआईपी सुविधा ली या नहीं ली, ये पता किया जा रहा है।
एडीजी कानून व्यवस्था, वी मुरुगेशन ने कहा कि उत्तराखंड में पटेल को न तो सुरक्षा दी गई और न वीवीआईपी प्रोटोकॉल लगाया गया। वो कहां-कहां गया, पुलिस को इसकी जानकारी नहीं। अगर कहीं फर्जीवाड़ा या कानूनों का उल्लंघन सामने आया तो हम कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि किरण पटेल ने खुद को पीएमओ का अधिकारी बता कर जम्मू और कश्मीर में कई यात्राएं कर चुका और खुद को पीएमओ का अधिकारी बताते हुए उच्च श्रेणी की सुरक्षा के बीच परिवार के साथ यहां छुट्टियां भी मनाने आया करता था। बताया गया कि जम्मू और कश्मीर में वो अधिकारियों के साथ मीटिंग भी किया करता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि इतने संवेदनशील इलाके में सुरक्षा एजेंसियों के साथ इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है?
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