इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए सुरक्षा कड़ी करने का मंगलवार को आदेश दिया।
आदेश जारी होने के एक दिन पहले शहबाज ने चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग से टेलीफोन पर बातचीत की थी और अन्य मुद्दों के अलावा पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा की थी। एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ ने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह, योजना मंत्री अहसान इकबाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।
बयान में कहा गया है, ‘‘चीनी नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।’’
पुलिस के बयान में कहा गया है कि पुलिस ने सोमवार को अफगानिस्तान और ईरान की सीमा के पास दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में एक आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार करने का दावा किया। इस हमलावर ने सीपीईसी से जुड़े चीनी नागरिकों के एक काफिले के पास खुद को उड़ाने की साजिश रची थी।
शहबाज ने प्रधानमंत्री ली से कहा कि उनकी सरकार पाकिस्तान में काम कर रहे सभी चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान में तैनात बड़ी संख्या में चीनी श्रमिकों ने पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में आत्मघाती हमले के बाद देश छोड़ना शुरू कर दिया था। इस आत्मघाती हमले में तीन चीनी भाषा के शिक्षक मारे गए थे और एक अन्य घायल हो गया था।
कई रिपोर्टों के अनुसार, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान में तैनात बड़ी संख्या में चीनी श्रमिकों ने पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में आत्मघाती बम हमले के बाद देश छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसमें तीन चीनी भाषा के शिक्षक मारे गए थे और एक अन्य घायल हो गया था।
पिछले कुछ वर्षों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे धार्मिक चरमपंथी समूहों, जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं, के हमलों में कई चीनी कर्मियों की मौत हुई है।
योजना मंत्री अहसान इकबाल ने ग्वादर विश्वविद्यालय में बोलते हुए कहा कि सीपीईसी के तहत विभिन्न परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश का विकास ग्वादर के विकास से जुड़ा है, जो दक्षिण एशिया का प्रवेश द्वार है और सरकार ग्वादर में सीपीईसी परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए कई पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि सीपीईसी परियोजनाएं मौजूदा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
पाकिस्तान और चीन का यह महत्वाकांक्षी परियोजना (CPEC) चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 3,000 किलोमीटर लंबा मार्ग है। सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है क्योंकि यह कारिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर जा रहा है।
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