कोलंबो। राष्ट्रपति के बाद अब पीएम आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है। देश में जारी बवाल के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी बुधवार को इस्तीफा देने जा रहे हैं। स्पीकर ने जानकारी दी है कि देश में अगले राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा। वहीं, सियासी और आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ता नजर आ रहा है।
नौबत यहां तक आ गई है कि डॉक्टर मरीजों को बीमार नहीं होने की सलाह दे रहे हैं। देश में जरूरी दवाओं और अन्य आपूर्ति खासी प्रभावित हुई है। फिलहाल, देश की कमान कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे के हाथ में है। उन्होंने देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया है। पश्चिम श्रीलंका में कर्फ्यू लगाया गया है।
हंगामे के बीच देश के सरकारी चैनल SLRC ने भी लाइव टेलीकास्ट बंद कर दिया है। श्रीलंका ईंधन और भोजन जैसी बुनियादी चीजों के भुगतान के लिए भी पैसों की कमी से जूझ रहा है। इसी बीच दवाओं की कमी की भी खबरें हैं। कुछ डॉक्टर और डोनेशन और फंड जुटाने के लिए सोशल मीडिया का रुख कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने देश से बाहर रह रहे श्रीलंका के लोगों से मदद की गुहार लगाई है।
आपबीती
15 साल की हासिनी वासन 9 महीने पहले किडनी ट्रांसप्लांट से गुजरी हैं, लेकिन आशंकाएं हैं कि उन्हें जरूरी दवाएं ही न मिल पाएं। उनका परिवार अब दान करने वालों पर निर्भर है, क्योंकि अस्पताल अब हासिनी को मुफ्त दवा मुहैया नहीं करा सकता। हासिनी की बड़ी बहन इशारा थिलिनी कहती हैं, ‘हमें बताया गया है कि उन्हें नहीं पता कि अब ये दवा दोबारा कम मिलेगी।’
कैंसर अस्पताल भी जरूरी दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर समत धर्मरत्ने ने कहा, ‘बीमार मत हो, घायल मत हो, ऐसा कुछ भी मत करो जिससे इलाज के लिए तु्म्हें अस्पताल आना पड़े।’
20 जुलाई को मिलेगा नया राष्ट्रपति
राष्ट्रपति गोटबाया ने आज इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। स्पीकर अभयवर्धने के अनुसार गोटबाया ने जानकारी दी है कि वह आज देर शाम तक इस्तीफा भेज देंगे। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई तक संसद में देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। देश में लगातार बिगड़ते हालात के बीच विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
दोनों का इस्तीफा चाहते हैं प्रदर्शनकारी
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार ने बताया कि लोग पीएम और राष्ट्रपति दोनों को सरकार से बाहर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि पीएम इस्तीफा दे दें, क्योंकि हमारे संविधान के अनुसार अगर राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं, तो पीएम कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाएंगे। लोग चाहते हैं कि दोनों चले जाएं। पुलिस ने आंसू गैस के गोलों के जरिए कार्रवाई की है।’
सरकारी चैनल ने बंद किया सीधा प्रसारण
जातिक रूपवाहिनी नाम से पहचाने जाने वाले सरकारी न्यूज चैनल श्रीलंका रूपवाहिनी कॉर्पोरेशन (SLRC) ने सीधा प्रसारण बंद कर दिया है। खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने चैनल परिसर को घेर लिया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।
क्या हैं देश के मौजूदा हालात
राष्ट्रपति गोटबाया के देश छोड़कर भागने के बाद नागरिकों का गुस्सा और भड़क गया था। वहीं, इसके बाद जब प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक रष्ट्रपति बनाया गया तो प्रदर्शनकारी और हिंसक हो गए। नाराज भीड़ ने कोलंबों में पीएम आवास को घेर लिया था। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल, प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए पीएम आवास में पहुंच गए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved