तिरुचिरापल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तिरुचिरापल्ली में (In Tiruchirapalli) श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में (In Shri Ranganathaswamy Temple) पूजा-अर्चना की (Offered Prayers) । प्रधानमंत्री मोदी श्री रंगनाथस्वामी मंदिर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पंडितों को कंबा रामायणम के श्लोकों का पाठ करते हुए सुना। कंबा रामायणम रामायण के पुराने संस्करणों में से एक है। इसकी रचना 12वीं शताब्दी में तमिल कवि कंबन ने की थी। श्री रंगनाथस्वामी और रामेश्वरम मंदिर भगवान राम के जीवन से जुड़े हैं। 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री उन मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं, जिनका रामायण में जिक्र है।
त्रिची के श्रीरंगम में बना श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि रंगनाथस्वामी मंदिर का निर्माण विजयनगर काल (1336-1565) के दौरान किया गया था। इस मंदिर का उल्लेख पुराणों समेत कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। यह अपनी स्थापत्य कला और गोपुरम के लिए मशहूर है। यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो भगवान विष्णु का लेटा हुआ रूप हैं। तमिल कवि कंबन ने यहां पहली बार कम्ब रामायणम को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था।
प्रधानमंत्री मोदी धनुषकोडि के कोदंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद वे धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई भी जाएंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। यह मंदिर, श्री कोदंडाराम स्वामी को समर्पित है। कोदंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी। कुछ किवदंतियां यह भी कहती हैं कि यही वह जगह है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।
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