नई दिल्ली. प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी (Rizwan Qadri) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से जुड़े दस्तावेजों के ’51 डिब्बे’ लौटाए जाएं. कादरी ने उन महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स की वापसी में राहुल गांधी की मदद मांगी है, जो जवाहरलाल नेहरू से जुड़े हैं और ‘सोनिया गांधी के पास रखे हुए’ हैं.
कादरी का आरोप है कि यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरु के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे. नेहरु ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे. पीएमएमएल के सदस्य रिज़वान कादरी ने दस दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखा था. इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था.
1971 में नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी को दिए थे
पीएमएमएल का मानना है कि ये ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं और इन तक पहुंच आवश्यक है. ये पत्र जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल ने 1971 में नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (अब पीएमएमएल) को दिए थे. अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी दिलवाई जाए.
पत्र में कहा गया है, ‘हम समझते हैं कि ये दस्तावेज ‘नेहरू परिवार’ के लिए व्यक्तिगत महत्व रखते होंगे. हालांकि, पीएमएमएल का मानना है कि इन ऐतिहासिक सामग्रियों को अधिक व्यापक रूप से सुलभ बनाने से विद्वानों और शोधकर्ताओं को बहुत लाभ होगा.’
मालूम हो कि बीते दिनों PMML सोसाइटी का कार्यकाल कुछ महीनों के लिए बढ़ाया गया था. 4 नवंबर को कार्यकाल खत्म होने वाला था. PMML के उपाध्यक्ष रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण, अनुराग ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्री इसके 29 सदस्यों में शामिल हैं.
15 जून, 2023 को हुई NMML सोसाइटी की एक मीटिंग में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रखने का फैसला किया गया था.
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