डेस्क: देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई. पीएम मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि सेक्युलर सिविल कोड पर पीएम मोदी का भाषण विभाजनकारी है. संविधान में कौन सा सिविल कोड सांप्रदायिक है और कौन सा सेक्युलर है. वहीं पीएम मोदी के भ्रष्टाचार पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा, “अब तक तो विपक्ष पर ही कार्रवाई की है, अपनों पर कार्रवाई कब करेंगे?”
दरअसल, देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जो कानून देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए. ऐसे में देश को एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है. गलत कानूनों की आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है. मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है, जबकि हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है. एक नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पालन करना देश के 140 करोड़ लोगों का कर्तव्य है. जो कानून सांप्रयायिक और भेदभावपूर्ण हो उनका कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसलिए हमे एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून हो. अगर किसी भी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो वहां विवाह,तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति का बंटवारा जैसे सभी विषयों के लिए सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा. संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का पूरा विस्तृत ब्यौरा दिया गया है. अनुच्छेद 44 के अनुसार, सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व बनता है.
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