नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के अपने सऊदी अरब के दौरे पर रवाना हो चुके हैं. रियाद पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले सऊदी अरब में मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों से भेंट करेंगे. उसके बाद सऊदी अरब के रॉयल पैलेस में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत होगी. पीएम मोदी का यह सऊदी अरब का तीसरा दौरा है, जो भारत की पश्चिम एशिया नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह यात्रा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को भारत का ‘सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक’ बताया है. दोनों देशों ने ऊर्जा, व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, परिवहन, स्वास्थ्य, पर्यटन, संस्कृति, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है.
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने एक ऐतिहासिक आर्थिक गलियारे की घोषणा की, जो एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़ने का कार्य करेगा. यह परियोजना व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी और ऊर्जा आपूर्ति में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. पीएम मोदी के इस दौरे में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए हो रहे कामकाज की समीक्षा होगी .
दोनों देशों ने पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना के लिए संयुक्त कार्य बल बनाने पर सहमति जताई है, जिसमें $100 बिलियन निवेश की योजना है. यह परियोजना सऊदी की ARAMCO, UAE की ADNOC और भारतीय कंपनियों के बीच त्रिपक्षीय सहयोग का हिस्सा है.
प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस पश्चिम एशिया की स्थिति, आतंकवाद और नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा करेंगे. इजराइल और ईरान के बीच जारी तनाव को कम करने में भारत और सऊदी अरब की भूमिका पर ही बात होने की संभावना है. भारत और सऊदी अरब, दोनों ही देशों का इजराइल, ईरान और अमेरिका से बेहतर संबंध है. सऊदी अरब के रक्षा मंत्री ने पिछले हफ़्ते ईरान का दौरा किया था, जबकि सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से अमेरिकी उपराष्ट्रपति की मुलाक़ात के दौरान भी मध्य पूर्व को लेकर चर्चा हुई थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में अरब देशों के साथ भारत के संबंधों को नई दिशा दी है. कई मुस्लिम देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा है, जैसे: सऊदी अरब: किंग अब्दुलअज़ीज़ साश, संयुक्त अरब अमीरात: ऑर्डर ऑफ ज़ायेद, अफगानिस्तान: अमीर अमानुल्लाह खान अवॉर्ड, बहरीन: किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनैसां, फिलिस्तीन: ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द स्टेट ऑफ़ फिलिस्तीन ये सम्मान भारत की पश्चिम एशिया में बढ़ती साख और प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत कूटनीतिक सफलता का प्रतीक है.
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