दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बावजूद, किसी अंतरराष्ट्रीय नेता के लिए यह एक दुर्लभ सम्मानजनक संदर्भ है।
रणनीतिक मामलों पर केंद्रित पत्रिका डिप्लोमैट के लेख चीन में भारत को कैसे देखा जाता है। पत्रकार म्यू चुनशान ने यह भी लिखा कि ज्यादातर चीनी मानते हैं कि मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व के प्रमुख देशों के बीच संतुलन बना कर रख सकते हैं।
चुनशान चीनी सोशल मीडिया विशेष रूप से सिना वेइबो का विश्लेषण करने के लिए मशहूर हैं। सिना वेइबो चीन में ट्विटर जैसा सोशल मीडिया मंच है और इसके 58.2 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।
रिपोर्ट के अनुसार चीनी इंटरनेट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक विशेष उपनाम है, मोदी लाओक्सियन। लाओक्सियन का संदर्भ कुछ विशेष क्षमताओं वाले एक बुजुर्ग अमर व्यक्ति से है। उपनाम का अर्थ है कि चीन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोग सोचते हैं कि मोदी कुछ भिन्न हैं – और आश्चर्यजनक भी- अन्य नेताओं की तुलना में।
उन्होंने लिखा है कि चीनी लोग मोदी की पोशाक और शारीरिक हावभाव दोनों की ओर इशारा करते हैं तथा उनकी कुछ नीतियों को भारत की पिछली नीतियों से अलग मानते हैं।
कुछ चीनी नागरिकों का मानना है कि भारत रूस, अमेरिका सहित विभिन्न प्रमुख देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रख सकता है। उन्होंने कहा कि लाओक्सियन शब्द मोदी के प्रति चीनी लोगों की जटिल धारणा को दर्शाता है, जिसमें जिज्ञासा, विस्मय आदि शामिल हैं।
म्यू ने कहा कि मैं करीब 20 साल से अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग कर रहा हूं और चीनी नेटिजेन (इंटरनेट उपयोगकर्ता) के लिए किसी विदेशी नेता को उपनाम देना दुर्लभ है। मोदी का उपनाम अन्य सभी से ऊपर है। निश्चित रूप से, उन्होंने चीनी जनमत पर एक छाप छोड़ी है। एजेंसी/(हि.स.)
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