नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा इस वक्त दक्षिण भारत (south india) के राज्यों में अपने आप को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रही है और साथ ही दक्षिण के लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. भाजपा ने दक्षिण के राज्यों में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ा लक्ष्य (big goal) तय किया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांच दक्षिणी राज्यों (five southern states) की 129 लोकसभा सीटों में से केवल 29 सीटें जीत सकी और इनमें से 25 सीटें कर्नाटक से आईं.
कर्नाटक को छोड़कर भाजपा तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में अपना खाता नहीं खोल पाई. लेकिन पार्टी ने एक बार फिर बड़ा लक्ष्य रखा है, जिसका नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कर रहे हैं. पीएम मोदी पांच दक्षिणी राज्यों में चुनाव प्रचार (Election Campaign) में काफी समय देंगे और आने वाले दो महीनों में वहां कई विकास योजनाएं शुरू करेंगे.
पीएम एक नए हवाई अड्डे सहित 20,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए मंगलवार को तमिलनाडु में थे. वह बुधवार को केरल में होंगे, जहां वह त्रिशूर में एक बड़ा रोड शो और एक सार्वजनिक बैठक करेंगे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक बैठक में लगभग दो लाख भाजपा महिला कार्यकर्ता मौजूद रहेंगी.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘हमारा लक्ष्य लोकसभा चुनाव में पांच दक्षिणी राज्यों से कम से कम 40-50 सीटें हासिल करना है. हम कर्नाटक में अपनी सीटें (25) बरकरार रखेंगे. क्योंकि लोगों ने सिद्धारमैया सरकार पर से जल्द ही विश्वास खो दिया है और हार के बावजूद हमने विधानसभा चुनावों में वोट शेयर नहीं खोया है. भाजपा तेलंगाना में 2019 से भी बेहतर प्रदर्शन करेगी. जब हमने चार लोकसभा सीटें जीती थीं. हमें केरल और तमिलनाडु के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में भी कुछ सीटें जीतने की उम्मीद है.’
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि भाजपा का दक्षिण में कोई आधार नहीं है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे शीर्ष नेताओं की रैलियों में मजबूत ‘दक्षिण फोकस’ होगा और पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगा जाएगा. भाजपा इस बार तमिलनाडु में अकेले चुनाव लड़ेगी क्योंकि राज्य भाजपा प्रमुख अन्नामलाई के आक्रामक राजनीतिक रुख के बाद अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है.
हालांकि, भाजपा अपनी जिद पर अड़ी हुई है और अन्नामलाई को अन्नाद्रमुक की मांग पर राज्य प्रमुख के रूप में प्रतिस्थापित नहीं किया है. केरल में भी, भाजपा आक्रामक रूप से वामपंथियों और कांग्रेस दोनों पर हमला कर रही है और वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने की योजना बना रही है.
तेलंगाना में, चुनाव से पहले बंदी संजय कुमार को राज्य प्रमुख के पद से हटाने के फैसले के कारण भाजपा को विधानसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ा. ऊपर उद्धृत नेता ने कहा, ‘लेकिन बीआरएस के पतन के साथ, लोकसभा चुनाव में अब तेलंगाना में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है.’ बता दें कि भाजपा 2024 के अपने लोकसभा अभियान के लिए 350 सीटों के लक्ष्य तक पहुंचने और दक्षिणी राज्यों में अपना आधार बढ़ाने के लिए ‘दक्षिण पुश’ की तलाश में है.
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