जार्जटाउन। तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में गुयाना (Guyana) पहुंचे पीएम मोदी (PM Modi ) ने गुरुवार को गुयाना (Guyana) की संसद (Parliament) में अपना संबोधन दिया। पीएम ने विश्वबंधु के रूप में भारत की भूमिका को समझाते हुए कहा कि भारत (India) हमेशा से लोकतंत्र पहले, मानवता पहले की भावना के साथ वैश्विक स्तर पर अपना कर्तव्य निभाता है। पीएम ने कहा कि हमने दिखा दिया कि लोकतंत्र हमारे डीएनए (Democracy our DNA), दृष्टिकोण और कार्यों में है।
भारत और गुयाना के साझा इतिहास की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा की भारत और गुयाना एक साझी ऐतिहासिक विरासत को साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच में मिट्टी, परिश्रम और पसीने का साथ है। पीएम ने कहा कि दोनों देशों ने एक साथ गुलामी देखी और एक साथ ही आजादी की लड़ाई का दौर भी देखा। आज से करीब 180 साल पहले एक भारतीय गुयाना की धरती पर आया था। तब से लेकर आज तक भारत और गुयाना के लोगों के बीच में और दोनों देशों के बीच में रिश्ते आत्मीयता के ही रहे हैं।
पीएम ने छोटे देशों को लेकर भारत के रुख की बात करते हुए कहा कि भारत का मानना है कि दुनिया का हर देश जरूरी है। हम द्वीपीय देशों को छोटे-छोटे देशों के रूप में न देखकर एक महासागरीय देश के रूप में देखते हैं। पीएम ने कहा कि भारत एक देश के रूप में कभी भी किसी स्वार्थ को लेकर या विस्तारवादी दृष्टि से आगे नहीं बढ़ा और ना ही हमने कभी किसी के संसाधनों को दबाया और न ही कभी ऐसी भावना रखी।
दुनिया को सार्वभौमिक सहयोग के बारे में सोचना होगा- पीएम मोदी
वैश्विक संघर्षों पर अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि आज का समय संघर्ष का समय नहीं है। आज पूरी दुनिया को एक होकर अंतरिक्ष से लेकर समुद्र तक, हर क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। आज दुनिया को सार्वभौमिक सहयोग के बारे में सोचना चाहिए। पीएम ने कहा कि अब दुनिया को संघर्ष में उलझने की बजाय उन लोगों की पहचान करनी होगी जो उलझनों को पैदा करते हैं। गुयाना की धरती से पीएम ने दुनिया को आश्वासन देते हुए कहा कि दुनिया में कोई भी संकट आए, किसी भी समय आए, भारत हर समय में हमेशा मदद के लिए तैयार है। किसी देश के संकट के समय में हमारा सबसे पहला प्रयास ईमानदारी से सबसे पहले प्रतिक्रियाकर्ता बनना और मदद की पेशकश करने के लिए पहुंचना है।
नहीं भूल पाया गुयाना की चटनी का स्वाद- पीएम मोदी
अपनी चौबीस साल पहले की गुयाना यात्रा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आज से चौबीस साल पहले में इस खूबसूरत देश की संस्कृति और विरासत के बारे में जानने के लिए एक जिज्ञासु व्यक्ति के रूप में गुयाना आया था। पीएम ने कहा उस यात्रा के दौरान मैंने यहां पर चटनी खाई थी। मैं आज भी उस चटनी का स्वाद नहीं भूल पाया हूं।
इससे पहले अपने तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में गुयाना पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और उनके समकक्ष मार्क एंथनी फिलिप्स और 12 से अधिक कैबिनेट मंत्रियों ने किया। भारत-गुयाना के घनिष्ठ संबंधों के प्रमाण के रूप में ‘जॉर्जटाउन शहर की चाबी’ भी सौंपी गई। पीएम मोदी ने इस सम्मान के बारे में एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं जॉर्जटाउन के मेयर द्वारा ‘जॉर्जटाउन शहर की चाबी’ प्राप्त करके भी बहुत खुश हूं। भारत विभिन्न क्षेत्रों में कैरिकॉम के साथ सहयोग को और गहरा करने के लिए उत्सुक है।
गुयाना की तरफ से पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया। इसके अलावा पीएम मोदी को डोमिनिका की तरफ से भी डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में गुयाना पहुंचे हैं। इससे पहले वह नाइजीरिया गए थे उसके बाद वह जी20 समारोह में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील गए थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved