नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नए साल के पहले दिन 6 राज्यों में ‘लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ (Light House Project) का तोहफा देने जा रहे हैं। पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे इसकी आधारशिला रखेंगे। वैश्विक आवास निर्माण प्रोद्योगिकी प्रतियोगिता-भारत के तहत त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में ‘लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ में EWS वर्ग के लिए बेहद किफायती घर बनवाए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी आशा इंडिया यानी “अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलरेटर” के विजेताओं के नाम का भी ऐलान करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए उत्कृष्टता का सालाना पुरस्कार भी वितरित करेंगे। इस कार्यक्रम में आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अतिरिक्त 6 राज्यों, त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
‘नवारितिह’ की होगी शुरुआत : देश के जिन 6 राज्यों में प्रधानमंत्री आज ‘लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ की आधारशिला रखने जा रहे हैं। वहां जीएचटीसी- इंडिया इनिशिएटिव के तहत पक्के मकानों का निर्माण कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी द्वारा नवप्रवर्तक निर्माण प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में एक नये पाठ्यक्रम की शुरुआत भी की जाएगी। इस पाठ्यक्रम का नाम ‘नवारितिह’ रखा गया है।
2017 में लाया गया था ये प्रोजेक्ट : साल 2017 में केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जीएचटीसी-भारत के तहत ‘लाइट हाउस परियोजना के निर्माण हेतु देशभर के 6 राज्यों का चयन करने के लिए राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एक चुनौती की शुरुआत की थी। मंत्रालय द्वारा इस चुनौती में सक्रिय तौर पर भाग लेने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित किया गया था। निर्धारित मानदंड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा अंक पाने वाले 6 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ‘ लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ प्रदान करने की घोषणा की गई थी।
राजकोट में कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे सीएम रूपाणी : एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजकोट में उपस्थित होंगे। इसमें कहा गया है कि हरित निर्माण तकनीक का उपयोग कर शहरी गरीबों को आश्रय प्रदान करने संबंधी एलएचपी परियोजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए मकान बनाए जा रहे हैं।
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