नई दिल्ली (New Dehli)। काशी (Kashi)पहुंचे प्रधानमंत्री (Prime Minister)ने पहली बार भाषण के दौरान AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence)का इस्तेमाल (use)किया। रविवार को उन्होंने ट्रांसलेशन सिस्टम ‘भाषिणी’ (‘Speaker’)जरिए सभा में पहुंची तमिल जनता से सीधा संवाद (direct communication)किया। मोदी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन द्वितीय ‘काशी-तमिल संगमम’ कार्यक्रम की शुरुआत की।
पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में ही तमिल जनता से ईयरफोन लगाने की अनुरोध कर लिया था। उन्होंने कहा, ‘हर हर महादेव! वणक्कम् काशी। वणक्कम् तमिलनाडु। जो लोग तमिलनाडु से आए हैं, मैं उन लोगों से पहली बार AI तकनीक के इस्तेमाल के दौरान ईयरफोन लगाने का अनुरोध करता हूं।’ उन्होंने बीच में एक बार फिर जनता से पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ‘क्या यह ठीक है? तमिलनाडु के मित्रों, क्या यह ठीक है? क्या आप इसका लुत्फ उठा पा रहे हैं? यह मेरा पहला अनुभव है। भविष्य में मैं इसका इस्तेमाल करूंगा। आपको मुझे प्रतिक्रिया देनी होगी। अब मैं हिंदी में बात करूंगा, यह तमिल में जवाब देने में मेरी मदद करेगा।
क्या है भाषिणी?
भाषिणी एक AI आधारित ट्रांसलेशन या अनुवाद सिस्टम है, जिसके जरिए कोई व्यक्ति अपनी भाषा में बात कर सकता है, लेकिन सुनने वाले इसे भारत की अन्य भाषाओं में भी समझ सकते हैं। यह एंड्रॉयड और iOS प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है। इस ऐप में भाषादान नाम की भी सुविधा है, जिसके जरिए यूजर भी सिस्टम में अपना योगदान दे सकता है।
पीएम मोदी ने मंच से कहा, ‘तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना! तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है- मदुरई मीनाक्षी के यहाँ से काशी विशालाक्षी के यहाँ आना! इसीलिए, तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है, वो अलग भी है और अद्वितीय है। मुझे विश्वास है, काशी के लोग आप सभी की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे होंगे।
उन्होंने कहा, ‘आप जब यहाँ से जाएंगे, तो बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ-साथ काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियाँ भी ले जाएंगे। आज यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से टेक्नोलॉजी का नया प्रयोग भी हुआ है। ये एक नई शुरुआत हुई है और उम्मीद है इससे आप तक मेरी बात पहुंचना और आसान हुआ है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved