नई दिल्ली: बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 3 अहम फैसले लिये गये जो सीधे तौर पर आम आदमी पर असर डालेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में कैबिनेट ने चिप संकट को देखते हुए सेमीकंडक्टर के लिये इकोसिस्टम को विकसित करने के लिये 76 हजार करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया है. वहीं डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिये इन्सेंटिव पर 1300 करोड़ की योजना और 2021-26 के लिये 93 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
(1) सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिये 76000 करोड़ रुपये
इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि 76 हजार करोड़ रुपये की इन्सेंटिव योजना में अगले 6 साल के दौरान 20 से ज्यादा सेमीकंडक्टर डिजाइन, कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट खड़ी की जायेंगी. ये मोदी सरकार के द्वारा देश को इलेक्ट्रॉनिक्स का हब बनाने की योजना का ही हिस्सा है.
युवाओं को बेहतर मौके देने के लिये 85000 कुशल इंजीनियर के लिए चिप्स टू स्टार्टअप की योजना को अनुमति दी गयी है. चिप्स डिजायनर को मौका देने के लिये एक नयी स्कीम डिजाइन लिंक्ड इन्सेटिव को मंजूरी दी गयी है. योजना में कुल खर्च का 50 प्रतिशत सरकार वहन करेगी. वहीं किसी कंपनी के साथ इस डिजाइन को साझा करने पर इससे होने वाली बिक्री पर भी इन्सेंटिव मिलेगा.
योजना में छोटी कंपनियों पर विशेष जोर दिया गया है. योजना की मदद से 15-20 एमएसएमई खड़े किये जायेंगे. इससे 1 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. वहीं योजना की मदद से 1.66 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है. वहीं कुल निर्माण 9.5 लाख करोड़ होने का अनुमान है इसमें 5.17 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने का अनुमान है.
(2) जल संसाधन के लिये 93 हजार करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने आज 93068 करोड़ के व्यय के साथ 2021-26 के लिये पीएम कृषि सिंचाई योजना को मंजूरी दी है. इस रकम में से राज्यों को 37 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राज्यों को मदद के रूप में मिलेंगे. अनुमान है कि इस योजना से 22 लाख किसानों को फायदा मिलेगा, इसके साथ ही इरीगेशन बेनिफिट प्रोग्राम, हर खेत को पानी, वाटरशेड डेवलपमेंट कंपोनेंट को 2021 से आगे भी जारी रखने को मंजूरी दी गयी है.
(3) अब डिजिटल से भुगतान पर मिलेगा फायदा
कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में यूपीआई और रूपे डेबिट कार्ड के जरिये डिजिटल लेनदेन पर 1,300 करोड़ रुपये के शुल्क को वापस करने की मंजूरी दे दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के तहत व्यक्तियों द्वारा कारोबारियों को किये गये डिजिटल भुगतान पर लगाए गए लेनदेन शुल्क को लौटाएगी. मंत्री ने कहा कि आने वाले एक साल में सरकार योजना में करीब 1,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ें.
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