कजान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रूस (Russia) में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) के दौरान युद्ध (War) और संघर्षों से घिरी दुनिया एवं उसके सामने आतंकवाद (Terrorism) व उसके वित्तपोषण की चुनौती को लेकर बड़ा बयान दिया है। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और उसके वित्तपोषण पर किसी देश का दोहरा मापदंड नहीं चलेगा, बल्कि इसके खिलाफ सभी ब्रिक्स देशों को एकजुट होना होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ब्रिक्स के नए होने वाले सदस्यों का भारत स्वागत करता है, लेकिन इसका निर्णय संस्थापक सदस्यों की सहमति से होना चाहिए।
इस दौरान पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से करने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। उन्होंने युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर चिंता जताई। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स विश्व को सही रास्ते पर ले जाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। जिस तरह हम एक साथ मिलकर कोविड जैसी चुनौती से पार पाने में सक्षम हुए, उसी तरह हम भावी पीढ़ियों के वास्ते सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में निश्चित रूप से सक्षम हैं।’’
बता दें कि रूस के कजान शहर में 22 से 24 अक्टूबर तक 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अध्यक्ष की भूमिका में हैं। उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग सहित ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेता इसमें भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयासों की भी वकालत की और कहा कि इस खतरे से लड़ने में कोई ‘‘दोहरा मापदंड’’ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘आतंकवाद और इसके वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए, हमें सभी के एकनिष्ठ, दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है। इस गंभीर मामले पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है। साथ ही मोदी ने कहा कि समूह के देशों को युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में व्यापक समझौते के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा।’’
पीएम मोदी ने कहा कि साइबर क्राइम और एआई से डीप फेक जैसी चुनौतियां हमारे सामने हैं। इसलिए ‘‘हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित और संरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमन के वास्ते मिलकर काम करने की आवश्यकता है।’’ मोदी ने कहा कि भारत भागीदार देशों के रूप में ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।’’ मोदी ने कहा, ‘‘जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं का सभी सदस्यों और भागीदार देशों द्वारा अनुपालन किया जाना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और अन्य वैश्विक निकायों में सुधार की भी वकालत की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों और विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधारों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।’‘‘जब हम ब्रिक्स में अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि यह वैश्विक संस्थानों को बदलने की कोशिश कर रहा है, बल्कि यह समझा जाए कि यह संगठन उन्हें सुधारने की इच्छा रखता है।’’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved