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रूसी राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी तीन महीने बाद फिर जाएंगे रूस

July 10, 2024

नई दिल्ली. रूस (Russia) के दो दिवसीय दौरे से ऑस्ट्रिया (Austria) पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi0 अक्टूबर महीने में एक बार फिर रूस जाएंगे. पीएम मोदी के अगले दौरे के लिए उन्हें खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin)  ने विशेष तौर पर आमंत्रित किया है.



दरअसल, अक्टूबर के महीने में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाना है. पीएम मोदी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए ही रूस पहुचेंगे. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हवाले से रूसी समाचार एजेंसी ने बताया,’नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण को स्वीकार करके खुश हैं और अक्टूबर में कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.’

ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी

बता दें कि पुतिन ने पीएम मोदी को अक्टूबर में रूस के कजान शहर में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. पुतिन ने ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा था कि हम इस साल अक्टूबर में कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आपको देखकर प्रसन्न होंगे.’

6 नए देश भी बन गए हैं ब्रिक्स के सदस्य

दरअसल, रूस इस साल ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है. ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीक शामिल हैं. सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात इसके नए सदस्य हैं.

रूस ने पीएम मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान

हाल ही में 8 जुलाई को पीएम मोदी अपनी दो दिवसीय रूस यात्रा पर मॉस्को पहुंचे थे. यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया था. इस पर पीएम मोदी ने पुतिन को धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा था कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह भारत और रूस के बीच सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतिबिंब है.

क्या है रूस का सर्वोच्च सम्मान?

पीएम मोदी को जिस सम्मान से सम्मानित किया गया इस ऑर्डर की स्थापना 1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट ने की थी. यह यीशु के फर्स्ट एपोस्टल (first apostle) और रूस के संरक्षक संत, सेंट एंड्रयू के सम्मान में की गई थी. इसे एक ही वर्ग में केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए दिया जाता था. इसका इस्तेमाल रूस में सदियों से औपचारिक आयोजनों के लिए किया जाता रहा है.

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