नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) फरवरी में अमेरिका (America) का दौरा करेंगे. यह जानकारी उन्होंने पत्रकारों को दी और कहा कि पीएम मोदी से वो व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री को अमेरिका आने का न्योता दिया था, और कहा कि पीएम मोदी वही करेंगे जो सही होगा, खासकर भारत द्वारा अवैध प्रवासियों को वापस लेने के मामले में.
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें यह दौरा तय हुआ. प्रधानमंत्री मोदी का यह अमेरिका दौरा पिछले साल सितंबर में उनके दौरे के बाद होगा. इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने की उम्मीद जताई जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दोनों देशों के बीच भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्वाड साझेदारी को सशक्त बनाने पर भी जोर दिया, जिसमें भारत इस वर्ष पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा.
वहीं, भारत में कुछ चिंताएं इस बात को लेकर भी हैं कि ट्रंप प्रशासन के इमिग्रेशन और टैरिफ नीतियां किस प्रकार से भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही ब्रिक्स समूह, जिसमें भारत भी शामिल है, पर ‘100 प्रतिशत टैरिफ’ लगाने की बात की थी. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार और इमिग्रेशन से संबंधित मुद्दों पर लगातार संवाद कर रहा है और उम्मीद है कि दोनों पक्ष मिलकर किसी भी मुद्दे का समाधान निकाल लेंगे.
भारत और अमेरिका के रिश्तों में व्यापार एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. साल 2023 में दोनों देशों के बीच व्यापार का स्तर 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था, जो एक रिकॉर्ड है. इस व्यापारिक रिश्ते के माध्यम से दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 23 जनवरी को कहा था कि भारत हमेशा अपने अवैध नागरिकों की वापसी को लेकर खुले विचार रखता है. उन्होंने कहा, “हम कानूनी प्रवासन के पक्षधर हैं, लेकिन अवैध प्रवासन के खिलाफ भी मजबूती से खड़े हैं.” जयशंकर का यह बयान अमेरिकी प्रशासन के साथ 1.80 लाख भारतीयों के संभावित प्रत्यावासन के संदर्भ में आया था, जो या तो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं या जिन्होंने अपनी वीजा अवधि समाप्त कर दी है.
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