• img-fluid

    PM मोदी आतंकी संगठन के निशाने पर थे, बिहार में पकड़े गए PFI के 2 लोग

  • July 14, 2022

    पटना: पटना (Patna) के विधानसभा में 12 जुलाई को हुए शताब्दी समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आतंकी संगठन PFI के निशाने पर थे. पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान टेरर मॉड्यूल (Terror Module) से जुड़े सदस्य गड़बड़ी पैदा करना चाहते थे, इस बात का खुलासा पटना पुलिस की तरफ से दर्ज उस FIR में हुई है, जो फुलवारी शरीफ पुलिस ने 12 जुलाई को दर्ज की है.

    बता दें कि आतंकियों के बारे में पुलिस को एक दिन पहले ही सूचना मिल गई, जिसके बाद धरपकड़ की कार्रवाई शुरू हुई. इसी क्रम में अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन गिरफ्तार किए गए. इन दोनों से लंबी पूछताछ के बाद ये बात सामने निकलकर कर आई कि पीएम की सभा इनलोगों के निशाने पर थी. FIR के मुताबिक, फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस में 6-7 जुलाई को पटना से कुछ संदिग्ध आए थे. इन संदिग्धों ने एक गुप्त बैठक की. बैठक में पीएम मोदी के कार्यक्रम में गड़बड़ी करने की साजिश रची गई. हालांकि इसकी जानकारी पुलिस को 11 जुलाई की शाम हो गई थी. पुलिस ने तत्परता से कारवाई की और अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को दबोच लिया गया.

    इस्लामिक राष्ट्र की ख्वाहिश
    FIR में पुलिस ने कहा है कि PM के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने का आह्वान किया गया था. बता दें कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन के पास से बरामद दस्तावेज से इनके टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया है. इनकी संस्था भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाई गई है. ये भारत में 2047 तक इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने के उद्देश्य से काम कर रहे थे. दस्तावेज में हिंदू समुदाय के खिलाफ इनकी जहरीली सोच सामने आई है. यहां यह भी बताते चलें कि राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन की आतंकी संगठनों के साथ सांठगांठ थी. आईबी के इनपुट के बाद ही पटना पुलिस ने अतहर परवेज और जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है.


    3 बार आया विदेशों से फंड
    पुलिस महकमे से मिली जानकारी के अनुसार, अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पटना के बेऊर जेल के स्पेशल सेल में रखा गया है. पटना पुलिस को इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलने की जानकारी मिली है. इनके पास से मिले सबूत के मुताबिक कुल 3 बार अमाउंट इनके पास आए. पहला ट्रांजेक्शन 14 लाख रुपए का है जबकि दूसरा 30 लाख और तीसरा 40 लाख रुपए का. इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले की जांच में ईडी को भी शामिल किया जाएगा. ये लोग स्थानीय, जिलास्तर, राज्यस्तर और राष्ट्रीयस्तर के PFI-RSDPI की बैठकों में सक्रिय सदस्य के रूप में भाग लेते थे. ये दोनों सांप्रदायिक और देश विरोधी साजिशें रचने के काम में संलिप्त थे.

    पीएफआईके बैनर-पोस्टर और दस्तावेज मिले
    इधर ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार बताते हैं कि पुलिस की अलग-अलग टीम इन लोगों से पूछताछ कर रही है. उनके पास से पीएफआई के दस्तावेज, बैनर-पोस्टर बरामद हुए हैं. साक्ष्य के आधार पर अन्य गिरफ्तारियों की भी कार्रवाई होगी. पटना पुलिस को जो भी सहयोग की जरूरत होगी हम लोग मुहैया करा रहे हैं. इन लोगों से इस बात की जानकारी भी हासिल की जा रही है की कौन-कौन से लोग यहां जुटते थे. इनपर देश में उन्माद फैलाने के आलावा दो कम्युनिटी के बीच वैमनस्य फैलाना, शत्रुता फैलाना और षडयंत्र रचने की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस की टीम पूछताछ कर रही है.

    पाकिस्तानी हाथ के एंगल से भी जांच
    ADG के मुताबिक, ये दोनों भोले-भाले युवकों को देश विरोधी संगठन से जोड़ने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी किया करते थे. इनके यहां केरल, पश्चिम बंगाल, यूपी, तमिलनाडु सहित कई राज्यों के छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर पटना में हुए बम ब्लास्ट जैसे आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. पटना पुलिस के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके तार पाकिस्तान सहित अन्य देशों से जुड़े तो नहीं है. पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के लिए NIA की टीम पटना जल्द आ सकती है.

    कौन हैं अतहर परवेज और जलालुद्दीन
    गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए बम ब्लास्ट में भी मोहम्मद अतहर परवेज का हाथ रहा है. इसने ही गांधी मैदान बम ब्लास्ट और अन्य ब्लास्ट में शामिल लोगों के बेल करवाए थे. इसी के बाद आतंकी गतिविधियों में अतहर परवेज की संलिप्तता की बात सामने आई थी. दरअसल ये लोग राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में रहते हुए पिछले 10 वर्षों से कट्टरपंथी संगठन सिमी को सपोर्ट किया करते थे. जलालुद्दीन झारखंड का पूर्व दारोगा था और वह सिमी का सदस्य भी रहा है. जलालुद्दीन के घर में रहकर अतहर परवेज देश विरोधी गितिविधि संचालित करता था.


    खोल रखा था आतिंकियों का ट्रेनिंग सेंटर
    बताया जा रहा है कि जिस मकान में वे रहते थे, वहां मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र शस्त्र की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसके अलावा दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि संचालित करने की भी बात सामने आई है. गोपनीय ढंग से चलाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी लोग ट्रेंड किए गए हैं. प्रशिक्षण में शामिल लोगों को वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित और उन्मादित करने का निर्देश देते थे.

    देश विरोधी आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त
    जब इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई तो पुलिस को पीएफआई का झंडा, पंफलेट, बुकलेट और कई दस्तावेज मिले हैं, जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से जुड़े निर्देश हैं. इन दोनों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जो देश विरोध पाए गए. मामले की जांच चल रही है.

    आईबी अलर्ट पर पुलिस ने की कार्रवाई
    प्रधानमंत्री आगमन को लेकर IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल इन दोनों को बेउर जेल भेज दिया गया है. दरअसल आईबी को सूचना मिली थी कि पटना के फुलवारी शरीफ में झारखंड के पूर्व दरोगा जलालुद्दीन के घर में कार्यालय खोलकर अतहर परवेज नाम का शख्स देश विरोधी गतिविधियां चला रहा है. उसके यहां प्रशिक्षण लेने के लिए झारखंड और बंगाल तक के लोग आ रहे थे. यहां तक कि पूर्व में भी फुलवारीशरीफ से आतंकी संगठन से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.

    Share:

    श्रीलंका के राष्ट्रपति को सिंगापुर में नहीं मिली शरण

    Thu Jul 14 , 2022
    नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) मालदीव के बाद सिंगापुर पहुंच गए हैं. उनके इस दौरे को लेकर अब सिंगापुर (Singapore) की तरफ से एक बड़ी प्रतिक्रिया दी गई है. सिंगापुर ने बयान जारी करके कहा है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे निजी दौरे पर सिंगापुर पहुंच रहे हैं और उन्हें […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved