नई दिल्ली । भारत (India) के प्रधानमंत्री (Prime minister) के तौर पर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपनी सातवीं अमेरिकी यात्रा (American travel) पर हैं। अपने कार्यकाल के सातवें साल में उनकी यह अमेरिकी यात्रा इसलिए अहम है क्योंकि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) से उनकी यह पहली मुलाकात होगी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और बराक ओबामा (Barack Obama) के साथ मोदी के रिश्ते गर्मजोशी भरे रहे, जिसकी वजह से उनकी यात्राओं (trips) ने भारत-अमेरिका (Indo-US) ही नहीं दुनियाभर की मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। 2014 के मैडिसन स्क्वायर से लेकर 2019 के हाउडी मोदी कार्यक्रम ने खासा चर्चा बटोरी। चलिए जानते हैं मोदी की पूर्व यात्राएं किन-किन वजहों से सुर्खियां बनीं।
2014 : मैडिसन में प्रवासियों का दिल जीता
मई, 2014 में प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद मोदी ने सितंबर में पहली अमेरिकी यात्रा की। तब भारतीय-अमेरिकियों से ठसाठस भरे मैडिसन स्क्वायर गार्डन में उनका हिन्दी में दिया भाषण चर्चा में रहा। उनके कार्यक्रम की इतनी चर्चा थी कि इसे तब ””मोडीसन गार्डन”” कहा जाने लगा था। अपने पहले दौरे में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी का संयुक्त बयान भी जारी हुआ। इसमें रक्षा, खुफिया, आतंकवाद के अलावा अफगानिस्तान, अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान के क्षेत्र में दोनों देशों ने मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी। इतना ही नहीं, प्रतिष्ठित वॉशिंगटन पोस्ट अखबार में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से एक संपादकीय भी लिखा, जिसमें कहा गया कि बेहतर दुनिया बनाने के लिए हम साथ-साथ चलें।
2015 : टेक कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात
नरेंद्र मोदी ठीक सालभर बाद सितंबर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए अमेरिका गए। यहां उन्होंने भारतीय तकनीकी-उद्यमी व नवप्रवर्तक के ठिकाना कहे जाने वाले सिलिकॉन वैली की यात्रा की। इस दौरान वे गूगल, फेसबुक और टेस्ला मोटर्स के परिसरों में गए। उनका फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के साथ फेसबुक मुख्यालय में आयोजित टाउनहॉल बेहद चर्चा में रहा। इसके अलावा, 45 हजार अमेरिकी-भारतीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित भी किया।
2016 : दो बार अमेरिका गए, संसद सत्र को संबोधित किया
2016 के मार्च में नरेंद्र मोदी दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा समिट में शामिल होने के लिए वॉशिंगटन गए जिसमें 50 देशों के नेता आए थे। फिर इसी साल जून में वे दोबारा अमेरिका गए जहां उन्होंने अमेरिकी संसद के संयुक्त सदन को संबोधित किया। यह सम्मान पाने वाले वह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री बन गए।
2017 : ट्रंप के साथ पहली मुलाकात
इस साल जून में मोदी अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने अमेरिका पहुंचे। मांसाहारी और गोल्फ के शौकीन ट्रंप संग शाकाहारी और योग साधक मोदी का तालमेल उम्मीद से बेहतर बैठा। कहते हैं कि ट्रंप संग तालमेल में मोदी की टि्वटर डिप्लोमेसी काम आयी। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने पहली बार व्हाइट हाउस में ‘वर्किंग डिनर’ के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी की। मोदी की इसी यात्रा के दौरान कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया। यह भी घोषणा की गई थी कि अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन मानव रहित हवाई वाहनों की बिक्री को मंजूरी दे दी है।
2019 : हाउडी मोदी में बोली बोले- सब चंगा सी
2019 के सितंबर में मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए अमेरिका गए। तब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार का समय था। अपनी हर अमेरिकी यात्रा की तरह इस बार मोदी के अप्रवासियों से मिलने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम हाउडी मोदी रखा गया। इसमें संबोधन करते हुए उन्होंने प्रवासियों से कहा था कि भारत में सब ठीक है। इस आयोजन के दौरान ट्रंप संग मोदी ने पूरे स्टेडियम का साथ में चक्कर भी लगाया।
2021 : बाइडन से मुलाकात, क्वाड पर फोकस
कोरोनाकाल में नरेंद्र मोदी की यह पहली अमेरिकी यात्रा है जिसमें वे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे। अप्रवासी भारतीयों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने में कामयाब रहे मोदी यहां उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिले, जिनकी मां तमिलनाडु की हैं। मोदी को यहां क्वाड शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करना है। यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब हाल में अमेरिका, ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ ऑकस समझौता किया है।
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