नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर गुजरात (Gujrat) के मोरवी (Morvi) में भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की 108 फीट ऊंची मूर्ति (108 feet High Statue) का अनावरण किया (Unveils) । यह मूर्ति मोरवी में बापू केशवानंद के आश्रम में लगाई गई है। बता दें कि भगवान हनुमान से संबंधित चार धाम परियोजना के तहत यह दूसरी मूर्ति है। इसे पश्चिम दिशा में स्थापित किया गया है। गौरतलब है कि परियोजना के तहत चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाने वाली है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि इस तरह की भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग कोने में स्थापित की जा रही है। कई सालों से शिमला में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा के बाद आज मोरवी में दूसरी प्रतिमा स्थापित हुई है। अनावरण के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “हनुमान जी की भक्ति से सेवाभाव सीखने को मिलता जो सबको जोड़ते हैं। उनसे सभी प्रेरणा पाते हैं। हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं। उन्होंने समस्त जनजातियों, बंधुओं को मान और सम्मान दिलाया। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने कहा, “यह केवल हनुमान जी की प्रतिमाओं की स्थापना का संकल्प नहीं है, बल्कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का भी एक हिस्सा है।” इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु राम ने खुद सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का काम किया और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया। यही तो है सबका साथ-सबका प्रयास।
हनुमानजी चार धाम परियोजना के तहत देशभर में चारों दिशाओं में भगवान हनुमान की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। जिसमें पहली मूर्ति शिमला में, दूसरी मूर्ति गुजरात के मोरवी में और तीसरी मूर्ति के लिए दक्षिण में रामेश्वरम में प्रतिमा का निर्माण कार्य जारी है। रामेश्वरम में 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जिसे श्री हरीश चंद्र नंदा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया जाएगा। वहीं चौथी मूर्ति की स्थापना के लिए जगह तलाश की जा रही है।
देशभर में हनुमान जयंती शनिवार को बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। हालांकि भगवान हनुमान के जन्म स्थान को लेकर दो राज्य कर्नाटक और आंध्रप्रदेश आमने-सामने हैं। दरअसल दोनों राज्य दावा कर रहे हैं कि हनुमान जी का जन्म उनके राज्य के क्षेत्र में हुआ था। कर्नाटक का दावा है कि हंपी से करीब 25 किमी दूर स्थित अनेगुंडी गांव ही किष्किंधा नगरी में भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। दूसरी तरफ आंध्रप्रदेश में टीटीडी का दावा है कि तिरुमाला की 7 पहाड़ियों में से एक पर पवनपुत्र का जन्म हुआ था, वहीं नेचुरल एविडेंसेज से जानकारी मिलती है कि हंपी के पास स्थित किष्किंधा ही हनुमान की जन्मस्थली है। हालांकि इसको लेकर किसी फैसले पर पहुंचना मुश्किल है।
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