नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) के मौके पर संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में योग सत्र की अगुवाई करेंगे। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शांति स्थापना के 75 साल पूरे होने के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी के इतर मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि 2015 से दुनिया ने सही मायने में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाया है।
शार्प ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सचिवालय में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि योग का महत्व हर कोई समझ गया है और 175 सदस्य देशों ने इस पर तुरंत हस्ताक्षर कर दिए। यह उन लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय दिनों में से एक है और वास्तव में बहुत सी चीजों का प्रतीक है। यह सचेतन (Mindfulness) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए असरदार है। सचिवालय संयुक्त राष्ट्र के मूल और प्रशासनिक कार्य करता है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद और अन्य अंगों द्वारा निर्देशित किया गया है।
उन्होंने कहा कि योग ने कोविड-19 महामारी जैसे कठिन समय में लोगों की मदद की। योग तंदुरुस्त रहने और सुखमय जीवन बिताने में मदद करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ एक प्रतिध्वनि पैदा की है। और संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का होना विशेष होगा। संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था और रिकॉर्ड 175 सदस्य देशों द्वारा इसका समर्थन किया गया था।
इससे पहले शार्प ने संगोष्ठी के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) का एक संदेश पढ़ा। संदेश पढ़ने के बाद उन्होंने दशकों से संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान के लिए भारत को धन्यवाद दिया। शार्प ने कहा, भारत का दिल से बहुत धन्यवाद। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सैनिकों के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इसने अब तक शांति अभियानों में लगभग 2.75 लाख सैनिकों का योगदान दिया है। वर्तमान में 12 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में लगभग 5,900 सैनिकों को तैनात किया गया है।
संगोष्ठी के दौरान अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भारत के स्थायी सदस्य के रूप में विस्तार करने की वकालत की और कहा कि संयुक्त राष्ट्र निकायों को अधिक लोकतांत्रिक और हमारे युग की वर्तमान वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बनाने का समय आ गया है।
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