न्यूयार्क। यूक्रेन में जारी युद्ध (Ukraine war) के बीच समकरंद में हाल ही में संपन्न हुए शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन (Shanghai Cooperation Organization summit) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) को शांति का पाठ पढ़ाया था। उनकी इस पहले के लिए अब दुनियाभर में तारीफ हो रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) ने तो संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए उनकी सराहना की है। मैक्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने सही कहा है कि आज का समय युद्ध का नहीं है। आपको बता दें कि इससे पहले समय अमेरिका ने भी पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया था और वहां की मीडिया ने जमकर तारीफ की थी।
मेक्रों ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि आज का समय युद्ध का नहीं है। यह समय पश्चिमी देशों के खिलाफ बदला लेने के लिए या फिर पूर्व के खिलाफ पश्चिम का विरोध करने के लिए नहीं है। यह समय हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए है।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, “आज का समय युग युद्ध का नहीं है। मैंने आपसे फोन कॉल पर भी इसके बारे में बात की है। आज हमें इस बारे में बात करना चाहिए कि हम शांति के पथ पर कैसे विकास कर सकते हैं। भारत और रूस कई दशकों से एक-दूसरे के साथ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कही थी। उन्होंने कहा था, “हमने भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न मुद्दों के बारे में फोन पर कई बार बात की है। हमें खाद्य, ईंधन सुरक्षा और उर्वरक की समस्याओं के समाधान के तरीके खोजने चाहिए। मैं यूक्रेन से हमारे छात्रों को निकालने में हमारी मदद करने के लिए रूस और यूक्रेन को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
पीएम मोदी को जवाब देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति के बारे में जानते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।
पुतिन ने कहा, “मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन यूक्रेन का नेतृत्व बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने उद्देश्यों को युद्ध के मैदान में प्राप्त करना चाहते हैं।”
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