नई दिल्ली (New Delhi) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आतंकवाद के मुद्दे (terrorism issues) पर एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) पर निशाना साधा है. बुधवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान में आतंकी शिविर पर भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए बालाकोट हवाई हमले का जिक्र किया और कहा कि नया भारत आतंकवाद का दर्द बर्दाश्त नहीं करता बल्कि ऐसी हिंसा करने वालों को सबक सिखाता है. भारत पर आतंकी हमले कराने वालों का क्या हाल हुआ, ये दुनिया भर के लोग देख रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “चाहे आतंकवाद को संरक्षण देने वाले लोग हों या प्रगति और शांति चाहने वाले देश, उन सभी ने बढ़ते भारत को देखा है. यह नया भारत आतंकवाद का दर्द बर्दाश्त नहीं करता है बल्कि ऐसे हमलों का सहारा लेने वालों को सबक सिखाता है. जिन्होंने हमें आतंकी हमले दिए उनकी स्थिति क्या है, देशवासी भी देख रहे हैं और दुनिया भी देख रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पिछले 10 साल के अपने प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने पेश कर रही है. उन्होंने कहा, “हम अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप बना रहे हैं. हम अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों के लिए भी योजना बना रहे हैं.”
बता दें कि लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे. चुनाव आयोग ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की भी घोषणा की है. लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने का भरोसा जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अगले 25 साल के लिए रोडमैप और अगले 100 साल के लिए भी योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. हमारी सरकार भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है और इसलिए उन्हें पकड़ना आसान है. आज, पैसे के लेन-देन को छिपाना कठिन होता जा रहा है और इसलिए, अब बिस्तरों और दीवारों से पैसे के भंडार पाए जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं. उन्होंने कहा, “भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं तक पहुंच गया है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार हो गया है. भारत का निर्यात तेजी से बढ़ा है. हमें और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. आज पूरी दुनिया 21वीं सदी को भारत की सदी मानती है. बड़ी रेटिंग एजेंसियां और अर्थशास्त्री बढ़ते भारत को लेकर आश्वस्त हैं. ऐसा क्यों है कि वे कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया देख रही है कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में कैसे बड़े बदलाव लाए हैं.”
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