नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के साथ हर बार बातचीत के दौरान भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या और नीरव मोदी को भारत प्रर्त्यपित करने को लेकर सवाल करते हैं. सूत्रों का कहना कि ब्रिटेन से भारत आने वाले प्रतिनिधिमंडलों को माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय दबाव का सामना करना पड़ा है. देश में भी विपक्षी दल इस मामले को लेकर लगातार भाजपा शासित केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं.
इंग्लिश न्यूज चैनल टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कहा ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने यूके सरकार को बेहद मजबूती से यह बात कही है कि आप हमारे ट्रेड पार्टनर और भगोड़ों के पनाहगार एक वक्त पर नहीं हो सकते हो.’
किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन विजय माल्या को 2019 में ब्रिटिश कोर्ट ने प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था. हालांकि, अभी तक उसे भारत नहीं भेजा जा सका है. वहीं, हीरा कारोबारी नीरव मोदी 2019 में ब्रिटेन में गिरफ्तार हुआ था. इसके बाद से उसे दक्षिण लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में हिरासत में रखा गया है. भारत और यूके के बीच 1992 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर हुए थे. भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में जाने की नीरव मोदी की याचिका पिछले साल दिसंबर में खारिज हो गई थी. भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं.
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