नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग तथा हाल के तवांग प्रकरण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की है. उनकी यह बातचीत इस मायने में बेहद अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी को इस महीने रूस का दौरा करना था, लेकिन यह दौरा नहीं हो सका. मोदी के रूस नहीं जाने को लेकर वैश्विक स्तर पर कई तरह के कयास तक लगाए जाने लगे थे.
एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर समरकंद में अपनी बैठक के बाद, दोनों शीर्ष नेताओं ने आज बातचीत के दौरान आपसी ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग और कई अन्य प्रमुख क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की. साथ ही यूक्रेन में जारी जंग के संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने समाधान के लिए बातचीत करने और कूटनीति के जरिए आगे बढ़ने के अपने संदेश को दोहराया.
यूक्रेन जंग का समाधान कूटनाति के जरिए संभव
बातचीत के बारे में अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ऊर्जा, व्यापार और निवेश, रक्षा सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की. यूक्रेन में जारी युद्ध के संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत के दौरान अपनी इस बात को दोहराया कि वार्ता और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को जी-20 की भारत की मौजूदा अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला.
इसी महीने PM मोदी को करना था मॉस्को का दौरा
पीएम मोदी को इस महीने मॉस्को का दौरा करना था, लेकिन किसी कारणवश यह नहीं हो पाया और उसके बाद से यह चर्चा भी उठने लगी कि कहीं भारत और रूस के बीच किसी बात पर कोई गंभीर मतभेद की स्थिति तो नहीं बन गई. और ऐसा क्या कारण है कि पिछले कई साल से निरंतर होने वाले इस वार्षिक सम्मेलन में इस बार जब भारत के प्रधानमंत्री को रूस का दौरान करना था तो वो क्यों नहीं आए. इसे लेकर रूस में भी सवाल उठ रहे थे, लेकिन मोदी-पुतिन की आज की बातचीत क्रेमलिन के लिए बड़ी राहत की बात है.
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