नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात को लेकर पीएम आवास 7 LKM पर मंगलवार को बड़ी बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि भारत आने वाले हर अल्पसंख्यक की मदद की जाएगी. प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया.
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत को न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि हमें उन सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए जो भारत आना चाहते हैं, और हमें हरसंभव मदद भी प्रदान करनी चाहिए. मदद के लिए भारत की ओर देख रहे हमारे अफगान भाइयों और बहनों की मदद की जाए।
बैठक में पीएम मोदी के प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा, एनएसए अजित डोभाल और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. माना जा रहा है कि बैठक में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और राजदूत रुद्रेंद्र टंडन भी मौजूद थे. राजदूत टंडन काबुल से आने वाली उड़ान से जामनगर में उतरे।
अफगानिस्तान के लिए स्पेशल नंबर जारी
इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विदेश मंत्रालय की ओर से 24 घंटे चलने वाले विशेष अफगानिस्तान सेल के नंबर भी जारी किए. स्पेशल सेल को अफगानिस्तान से प्रत्यावर्तन और अन्य अनुरोधों के समन्वय के लिए स्थापित किया गया है।
Phone numbers: +91-11-49016783, +91-11-49016784, +91-11-49016785
WhatsApp number: +91-8010611290
E-mail: SituationRoom@mea.gov.in
दूसरी ओर, सी-17 ग्लोबमास्टर प्लेन काबुल से 120 भारतीयों को लेकर भारत आ गया. सी-17 ग्लोबमास्टर प्लेन को पहले गुजरात के जामनगर में रोका गया. फिर इसे हिंडन एयरबेस लाया गया। वापस आने वालों में भारतीय दूतावास के कई कर्मचारी, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और कुछ भारतीय पत्रकार शामिल हैं. भारतीय दूतावास के सभी लोग लौट आए हैं।
स्पेशल जहाज से स्वदेश लौटने वाले भारतीयों ने कहा कि काबुल बेस पर करीब 300 लोग फंसे हुए हैं। दूसरी ओर, अफगानिस्तान पर कब्जा होने के बाद तालिबान ने तहरीक ए तालिबान कमांडर, अल कायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी और लड़ाकों को छोड़ दिया है. माना जा रहा है कि उसने करीब 2300 आतंकियों को छोड़ दिया है।
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