नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजधानी स्थित भारत मंडपम में वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत किए. उन्होंने युवाओं के एक मार्च पास्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पिछले साल 9 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों- साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाया जाएगा.
कार्यक्रम को संबोधित हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी. एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय इस मिटटी के लिए जीना पसंद किया. पीएम ने कहा कि पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था. तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था. वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है. ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती.
उन्होंने कहा कि आज देश वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को याद कर रहा है, उनसे प्रेरणा ले रहा है. आजादी के अमृतकाल में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है. वीर बाल दिवस अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है. ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, UAE और ग्रीस में भी वीर बाल दिवस से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, उनके महान करतूतों से सीखेगी. जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया. आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तो दुनिया का भी नजरिया बदला है. पीएम ने कहा कि भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी. एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय इस मिट्टी के लिए जीना पसंद किया. आज देश गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमे इस मिट्टी की आन बान शान के लिए जीना है. देश को विकसित बनाने के लिए जीना है. आज भारत सबसे युवा देश है. इतना युवा तो भारत आज़ादी के समय पर भी नहीं था. उन्होंने कहा, आने वाले 25 साल हमारी युवा के लिए बहुत बड़ी शक्ति लेकर आने वाले हैं. भारत के भविष्य के कर्णदार यही बच्चे हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved