नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई. इस दौरान वहां मौजूद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ मुस्कुराते हुए नजर आए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. पीएम मोदी ने कहा, ”देश में एक सेकुलर सिविल कोड होना चाहिए, जिससे देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे मुक्ति मिलेगी.”
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट में बार-बार यूनिफार्म सिविल को़ को लेकर चर्चा की है. कई बार आदेश दिए हैं, क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि और वो सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं. वो सिविल कोड तो एक प्रकार का कम्यूनल सिविल कोड है. वो भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. ”
PM Modi speaks on UCC.
The timing of cameraman to show CJI Chandrachud 😂 pic.twitter.com/hnAgalyXmO
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 15, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ऐसे सिविल कोड से जब संविधान का 75 वां दिवस मना रहे हैं. वहीं, संविधान की भावना और देश की सुप्रीम कोर्ट भी करने के लिए कहती है. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान निर्माताओं का सपना था उस सपने को पूरा करना हम सभी का दायित्व है. पीएम ने कहा कि मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय़ में देश में व्यापक चर्चा हो. जिसमें हर कोई अपने विचारों को लेकर आए. उन कानूनों को जो धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऐसे कानूनों को आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं हो सकती है.
लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. हमने कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं. अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है. तब जाकर देश में धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहे सामान्य नागरिकों को जो दूरी महसूस होती है, उससे हमें मुक्ति मिलेगी.
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (कों हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना. अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा. संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है, जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved