नई दिल्ली। ‘शहरी नियोजन, विकास और स्वच्छता’ पर बजट के बाद वेबिनार में पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि नए शहर विकसित हो रहे हैं, जो इक्कीसवीं सदी में भारत की एक नई पहचान बनाएंगे। भारत का तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में बुनियादी ढांचे का निर्माण करना जरूरी है, जो भविष्योन्मुखी हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये दुर्भाग्य रहा है कि आजादी के बाद हमारे देश में एक्का-दुक्का ही नियोजित शहर (Planned City) बने। आजादी के 75 वर्षों में देश में 75 नए और बड़े नियोजित शहर बने होते तो आज भारत की तस्वीर कुछ और ही होती। उन्होंने कहा, अमृत काल में शहरी नियोजन (Urban Planning) ही हमारे शहरों का भविष्य तय करेगी और भारत के अच्छी तरह से नियोजित शहर ही भारत के भाग्य को निर्धारित करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में शहरी विकास पर बहुत ध्यान दिया है। मौजूदा बजट में इसके लिए महत्वपूर्ण राशि मंजूर की गई है और मुझे पूरा भरोसा है कि यह महत्वपूर्ण योजना देश में एक सुव्यवस्थित शहरी क्षेत्र की शुरुआत करेगा।
उन्होंने कहा, शहरी नियोजन और शहरी शासन, दोनों शहरी विकास में एक अहम भूमिका निभाते हैं। संबंधित प्रक्रियाओं का अकुशल कार्यान्वयन देश के विकास की राह में एख बड़ी बाधा के रूप में सामने आता है। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करते हुए इलाके में रहने वालों के विकास को सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।
मोदी ने कहा, आज भारत चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को शहरी विकास का बड़ा आधार बना रहा है। हमारे देश में हर दिन हजारों टन नगरीय कचरा (Municipal Waste) पैदा होता है। 2014 में देश में सिर्फ 14-15 फीसदी कचरे का प्रसंस्करण (Waste Processing) होता था, आज 75 फीसदी कचरे का प्रसंस्करण हो रहा है। उन्होंने कहा, अगर ये पहले हो गया होता तो हमारे शहरों के किनारे कूड़े के पहाड़ों से ना भरे होते।
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