नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यानी सोमवार को रोजगार मेले के तहत हाल ही में भर्ती किए गए एक लाख से अधिक कर्मियों को नियुक्ति-पत्र बांटे. जिन 1 लाख युवाओं को जॉब लेटर बांटे गए हैं उनकी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों भर्तियां हो रही हैं. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह 12वां और आखिरी रोजगार मेला है. इसके अलावा पीएम ने दिल्ली में कर्मयोगी भवन के पहले चरण का शिलान्यास भी किया. यह परिसर मिशन कर्मयोगी के बीच सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देगा.
रोजगार मेले कार्यक्रम को पीएम ने वर्चुअली संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज हर युवा के मन में विश्वास है कि वो कड़ी मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम पर अपनी जगह बना सकता है. पीएम ने दावा किया कि पहले की सरकार ने अपने 10 साल में जितनी सरकारी नौकरियां दी थीं, उससे लगभग 1.5 गुना ज्यादा सरकारी नौकरियां भाजपा की सरकार ने अपने 10 सालों में दी हैं.
”बीजेपी से पहले भर्ती में रिश्वत का खेल होता था”
इसके अलावा यह भी कहा कि 2014 के बाद से ही बीजेपी की कोशिश रही है कि नौजवानों को भारत सरकार के साथ जोड़कर उन्हें राष्ट्रनिर्माण का सहभागी बनाएं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक बहुत लंबा समय लग जाता था. इस देरी का फायदा उठाकर उस दौरान रिश्वत का खेल भी जमकर होता था.
”बीजेपी ने भर्ती की प्रक्रिया को बनाया पारदर्शी”
पीएम मोदी ने भारत में भर्ती की प्रक्रिया का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के मुकाबले बीजेपी ने भारत में भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है. सरकार का बहुत जोर है कि भर्ती प्रक्रिया एक तय समय के भीतर पूरी कर ली जाए. इससे हर युवा को अपनी योग्यता साबित करने का समान अवसर मिलने लगा है.
अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ था रोजगार मेला
जिन 1 लाख युवाओं को जॉब लेटर बांटे गए हैं उनकी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों भर्तियां हो रही हैं. 22 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री ने रोजगार मेले का पहला चरण शुरू किया था. रोजगार मेले का मकसद देश के युवाओं को 2023 के अंत तक 10 लाख सरकारी नौकरियां देना. नवंबर 2023 तक आयोजित 11 रोजगार मेलों में करीब 7 लाख से ज्यादा युवाओं को जॉइनिंग लेटर दिए गए थे.
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