श्योपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने जन्मदिन के मौके पर अफ्रीकी देश नामीबिया (African country Namibia) से लाए गए चीतों (cheetahs) को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बने बाड़े में आजाद कर दिया। इसी दौरान चीतों को बाड़े में छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीता मित्रों (cheetah friends) से संवाद किया। प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से पूछा कि आपको पता है कि सबसे पहली मुसीबत क्या आने वाली है। सबसे बड़ी समस्या नेता लोग करेंगे, मेरे जैसे। उन्होंने कहा कि अभी कई लोग आप पर चीते को दिखाने के लिए दबाव बनाएंगे, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों से कहा, ‘आप जैसे ही यह काम शुरू करोगे, सबसे पहली मुसीबत क्या आने वाली है? सबसे बड़ी समस्या नेता लोग करेंगे, मेरे जैसे। आपको बताया गया होगा कि थोड़े दिनों तक चीता देखने के लिए नहीं आना है। उन्हें अभी यहां के मौसम में ढलने देना है। इसके बाद वे बड़ी जगह पर जाएंगे, वहां इन्हें ढलने देना है। लेकिन हम नेता लोग आ जाएंगे। नेताओं के रिश्तेदार आ जाएंगे। टीवी वाले आ जाएंगे। आप पर दबाव डालेंगे। अफसरों पर दबाव डालेंगे।’
आपको जानकारी के लिए बतादें कि जहां पर यह चीता छोड़े गए हैं वहा चीता मित्र लगभग 400 युवाओं का समूह है, जिन्हें चीतों के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। चीता मित्रों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक चीते अपने नए बसेरे के अभ्यस्त नहीं हो जाते, जब तक वे उनके (मोदी) सहित किसी को भी केएनपी के अंदर नहीं जाने दें। प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गिर में एशियाई शेरों की रक्षा की लिए गांव वालों को शामिल किया था।
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