ग्लास्गो (ब्रिटेन) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जलवायु परिवर्तन (Climate Conference) पर संयुक्त राष्ट्र के महासम्मेलन-सीओपी26 (United Nations General Conference-COP26) में भाग लेने के लिये ग्लास्गो (Glasgow) पहुंच गये हैं। मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि वह सीओपी26 में भाग लेने के लिये ग्लास्गो पहुंच गये हैं, जहां वह जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने के लिये विश्व के नेताओं के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और इस दिशा में भारत (India) द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सम्मेलन में प्रस्तुत करेंगे। श्री मोदी दो दिन तक (सोमवार और मंगलवार) ग्लास्गो में रूकेंगे।
प्रधानमंत्री (PM Modi) का ग्लासगो में होटल पहुंचने पर वहां उपस्थित भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। ब्रिटेन की अध्यक्षता में सीओपी26 रविवार (31 अक्टूबर) को शुरू हुआ और 12 नवंबर तक चलेगा। इसके लिये विश्व के नताओं का यहां आना शुरू हो गया है। श्री मोदी रोम में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर वहां से सीधे ग्लास्गो पहुंचे हैं।
इस बीच केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन (Climate Change) मामलों के मंत्री भूपेंद्र यादव ने सम्मेलन में अपना प्राथमिक वक्तव्य दिया है। उन्होंने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुये कहा कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या से निपटने के लिये हर साल एक सौ अरब डॉलर के वित्तीय योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में अभी भी विफल हैं।
श्री यादव ने कहा कि विकसित देश इस प्रतिबद्धता को बढ़ाने के इच्छुक नहीं दिख रहे और दन देशों ने 2025 तक के लिये इसे अधिकतम मान लिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बीच रोम में कहा कि ग्लास्गो सम्मेलन यदि सफल नहीं हुआ तो जलवायु परिवर्तन से निपटने की सारी कवायद बिखर जाएगी।
श्री मोदी ने जी20 और जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के लिये नयी दिल्ली से प्रस्थान करने से पहले अपने वक्तव्य में कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिये अपनी तरफ से पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत यह भी चाहता है कि कार्बन अर्थव्यवस्था (कोयले के इस्तेमाल) के लिये भारत जैसे विकासशील देशों को अभी न्यायोचित जगह मिलना चाहिए।
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