नई दिल्ली (New Delhi) । लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देशवासियों से ‘विश्वकर्मा योजना’ (Vishwakarma Yojana) का वादा कर दिया है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि अगले महीने से यह योजना लागू की जाएगी, जिसकी शुरुआत 15 हजार करोड़ रुपये से होगी। इस योजना के तहत कारीगरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों की मदद की जाने की बात कही गई है।
77वें स्वतंत्रता दिवस पर देश की जनता को संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना की बात कही। खास बात है कि साल 2023 के आम बजट में भी सरकार ने विश्वकर्मा योजना की बात कही थी। उस दौरान भी पीएम मोदी ने योजना की तारीफ की थी और कहा था कि यह छोटे कारीगरों को MSMEs के बारे में जानने और उनसे जुड़ने में सहयोग करेगा।
क्या है विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आम बजट के दौरान इसकी घोषणा की थी। इसके तहत न केवल आर्थिक मदद दी जानी है, बल्कि प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीकों की जानकारी और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव, डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा की भी बात शामिल है।
पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार देश के हर एक विश्वकर्मा को संस्थागत समर्थन मुहैया कराएगी। इसके जरिए लोन लेने में आसानी, हुनर, तकनीक के क्षेत्र में मदद, डिजिटल सशक्तिकरण, कच्चा माल और मार्केटिंग शामिल है।
मार्च में पीएम मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ विषय पर वेबिनार को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, ‘भारतीय लोकाचार में भगवान विश्वकर्मा की उच्च स्थिति और उन लोगों के सम्मान की एक समृद्ध परंपरा रही है, जो औजार के साथ अपने हाथों से काम करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां कुछ क्षेत्रों के कारीगरों ने कुछ ध्यान दिया गया, वहीं बढ़ई, लुहार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और अन्य कारीगर, जैसे कई वर्ग, जो समाज के अभिन्न अंग हैं, तथा बदलते समय के साथ देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, की उपेक्षा की गई।
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की बड़ी बातें
आर्थिक सहयोग
एडवांस स्किल ट्रेनिंग
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच
पेपरलेस पेमेंट्स
व्यापक स्तर और वैश्वक बाजार तक कारीगरों की पहुंच
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