नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज (German Chancellor Olaf Scholz) को उपहार में मेघालय और नागालैंड (Meghalaya and Nagaland) की संस्कृति व शिल्प कौशल के प्रतीक दिए। मेघालय की शॉल में इस्तेमाल किए गए डिजाइन अत्यधिक प्रतीकात्मक (highly symbolic) हैं, जो जनजाति की संस्कृति और परंपरा (संस्कृति और परंपरा) में बहुत महत्व रखते हैं। वहीं, नगा शॉल की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक ज्यामितीय और प्रतीकात्मक डिजाइनों का इस्तेमाल है। डिजाइन जनजाति के मिथकों, किंवदंतियों और विश्वासों से प्रेरित हैं, जिसमें विशिष्ट अर्थ और महत्व वाले डिजाइन हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस (Hyderabad House) में आज शोल्ज के साथ बैठक की। करीब एक घंटे तक चली इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा से इस विवाद को बातचीत और कूटनीति के जरिए हल करने पर जोर दिया है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सुरक्षा और रक्षा सहयोग हमारी रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है। पीएम ने कहा कि बातचीत के जरिए ये युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी जैसी दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग दोनों देशों के लोगों के लिए फायदेमंद है। ये दुनिया को सकारात्मक संदेश देता है। जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार होने के अलावा निवेश का महत्वपूर्ण स्रोत है। हम सुरक्षा और रक्षा सहयोग में संबंधों का विस्तार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हम साथ मिलकर हर क्षेत्र में अपनी अप्रयुक्त क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे। भारत और जर्मनी हरित और टिकाऊ साझेदारी, जलवायु कार्रवाई और एसडीजी, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन पर मिलकर काम कर रहे हैं।
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