नई दिल्ली (New Delhi) । प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने अपने आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर मीडिया को दिए साक्षात्कार में चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने ‘एक देश एक चुनाव’ (one country one election) पर भी अपने विचार रखे। पीएम मोदी ने कहा, “एक देश एक चुनाव भाजपा (BJP) और हमारी सरकार का विचार रहा है। लेकिन हम ये चाहते हैं कि इसके आसपास एक आम सहमति बने। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें विस्तार से एक देश एक चुनाव के बारे में समझाया गया है। इस पर पूरे देश में चर्चा हो, वाद-संवाद हो, लाभ और हानि पर बात हो, इसमें क्या किया जा सकता है, कैसे किया जा सकता है, इस पर एक आम सहमति बने।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम इससे एक अच्छे और सकारात्मक समाधान पर पहुंच सकते हैं। जो सिस्टम अभी है, उसमें हर समय कहीं न कहीं चुनाव होता रहता है इसलिए यह उपयुक्त नहीं है। इससे शासन को नुकसान होता है जिसे बदलने की जरूरत तो है ही, लेकिन कैसे करेंगे, इस पर संवाद की जरुरत है।
एक देश एक चुनाव पर अपनी बात पूरी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इतिहास में देखें तो जब संसाधन और तकनीक कम थी, तब भी हमारे देश में ‘एक देश एक चुनाव’ हो रहे थे। आजादी के बाद पहले के कुछ चुनाव इसी तरह हुए। उसके कुछ वर्ष बाद बदलाव हुए। अभी भी कुछ राज्यों में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग एक चुनाव कराने के लिए पूरे देश में काम कर रहा है तो उसी में राज्यों का चुनाव भी कराया जा सकता है।”
गर्मियों में चुनाव के दौरान हो रही दिक्कतों पर पीएम ने कहा, “कुछ समस्याएं होती हैं। लेकिन इसमें क्या होना चाहिए, क्या बदलाव होने चाहिए या नहीं होने चाहिए, यह किसी एक व्यक्ति, एक पार्टी या सिर्फ सरकार का निर्णय नहीं हो सकता। पूरे तंत्र, मतदाताओं, राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं की सहमति बननी चाहिए। जब एक सामूहिक राय बनेगी तभी कुछ हो सकता है।”
इस बार चुनाव में कई बदलाव दिखे हैं, इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि आज मतदाता 21वीं सदी की राजनीति देखना चाहते हैं। इसमें परफारर्मेंस, देश को आगे ले जाने वाले विजन, विकसित भारत बनाने वाले रोडमैप की चर्चा होती है। मोदी ने कहा “अब लोग यह जानना चाहते हैं कि राजनीतिक दल हमारे बच्चों के लिए क्या करेंगे? देश का भविष्य बनाने के लिए नेता क्या कदम उठाएंगे। वे दलों का ट्रैक रिकार्ड भी देखते हैं कि किस पार्टी ने क्या वादे किए और कितने पूरे किए। मतदाता इसका हिसाब लगा लेता है। लेकिन ‘इंडी’ गठबंधन के नेता आज भी 20वीं सदी में ही जी रहे हैं। आज लोग पूछ रहे हैं कि आप हमारे बच्चों के लिए क्या करने वाले हैं तो ये अपने पिता, नाना, परदादा, नानी, परनानी की बात करते हैं। लोग पूछते हैं कि देश के विकास का रोडमैप क्या है तो ये परिवार की सीट होने का दावा करते हैं।”
मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “लोग उन राजनीतिक दलों को खारिज कर रहे हैं, जो नकारात्मक राजनीति में विश्वास रखते हैं। जो दल सकारात्मक बात या अपना विजन नहीं बताते, वे जनता का विश्वास नहीं जीत पाते हैं, जो सिर्फ विरोध की राजनीति में विश्वास रखते हैं और सिर्फ विरोध के लिए विरोध करते हैं ऐसे लोगों को जनता लगातार नकार रही है।”
चुनाव में धार्मिक विभाजन
इंडी गठबंधन चुनाव में धार्मिक विभाजन की बात कर रहा है। वे घोषणापत्र में खुलेआम ये लिख रहे हैं कि वे जनता की संपत्ति छीन लेंगे और उसका बंटवारा दूसरों में कर देंगे।
पूर्वांचल
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रति पिछली सरकारों का रवैया निराशाजनक रह। इन इलाकों से वोटलिए गए, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी की गई, लेकिन जब विकास की बारी आई तो इन्हें पिछड़ा कहकर छोड़ दिया। आज हम वहां विकास की गंगा बहा रहे हैं।
काशी ने जो दिया…
मुझे काशी में जिस तरह की अनुभूति हुई है, वह अभूतपूर्व है। इसी वजह से जब मैं यहां आया तो मैने कहा कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। अब तो मैं ये भी कहूंगा कि मां गंगा ने मुझे गोद लिया है। जो स्नेह और अपनापन मुझे यहां मिला है, उसे मैं विकास के रूप में लौटा रहा हूं।
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